महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री की अध्यक्षता में पोषण पाठशाला कि किया गया आयोजन
1 min readमाननीय प्रधानमंत्री व मा0 मुख्यमंत्री की सुपोषित भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए विभाग की सेवाओं, पोषण प्रबन्धन, कुपोषण से बचाव के उपाय, पोषण शिक्षा व पोषण के सन्देशों को घर-घर तक पहुॅंचाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आज एन0आई0सी0 के माध्यम से ‘‘पोषण पाठशाला‘‘ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी 75 जनपद के जनपद स्तरीय अधिकारी जुडे़ रहे। प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण वेबकास्ट लिंक ीजजचेरूध्ध्ूमइबंेजण्हवअण्पदध्नचध्पबके द्वारा किया गया, जिसे 20 लाख से अधिक पंजीकृत गर्भवती/धात्री महिलाएं व उनके परिवारजनो द्वारा देखा व सुना गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि पोषण पाठशाला का आयोजन हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी की दूरदृष्टि और एक भारत, श्रेष्ठ भारत बनाने के महा अभियान हेतु पोषण प्रबन्धन पर एक अत्यंत ही प्रभावशाली रणनीति है। सुपोषित बचपन एक सुदृढ़ भारत की तस्वीर पेश करता है, इसीलिए कहा गया है कि सही पोषण, देश रोशन। पोषण के विषय पर शीर्ष स्तर पर गंभीरता इस बात से भी समझी जा सकती है कि माननीय प्रधानमंत्री जी, माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय राज्यपाल महोदया जी, प्रदेश के मंत्रीगण जी तथा प्रदेश, मण्डल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत वरिष्ठ अधिकारीगण अपने दौरों और समीक्षा बैठकों में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की समुदाय आधारित गतिविधियॉ- गोदभराई, अन्नप्राशन तथा अन्य पोषण संबंधी विषयों को प्रमुखता से देखते और सम्मिलित करते हैं। पोषण के क्षेत्र में कार्यरत सभी विभागों और सामाजिक संस्थाओं के मिले-जुले प्रयास से हम प्रदेश के पोषण की स्थिति में सुधार ला सकते हैं और तमाम महिलाओं और बच्चों को कुपोषण-जनित बीमारियों और मृत्यु से बचा सकते हैं। हमारी सरकार ने पोषण के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, जिससे प्रदेश में एक व्यवस्थित, भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और गतिमान कार्य का माहौल बनाने में मदद मिली है। हर स्तर पर सहयोग से प्रदेश में पोषण के क्षेत्र में कार्य करने का एक बेहतर माहौल विकसित हुआ है और विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का बेहतर सहयोग पोषण के क्षेत्र में हमें प्राप्त हुआ है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से जुड़े प्रदेश, जनपद, परियोजना स्तरीय अधिकारियों तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के सघन प्रयास और कठिन परिश्रम की बदौलत पोषण संकेतकों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है और कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलाव आया है।
सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग श्रीमती अनामिका सिंह ने अपने उद्बोधन में पोषण पाठशाला कार्यक्रम के आयोजन की रूपरेखा एवं उपयोगिता के सम्बन्ध में प्रकाश डाला तथा अवगत कराया है कि पोषण की स्थिति को सुदृढ़ करने हेतु माननीय प्रधानमंत्री जी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की गई। पोषण अभियान के क्रियान्वयन से विभाग उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। पोषण एक अत्यंत ही जटिल विषय है और पोषण संबंधी सकारात्मक व्यवहारों को सुनिश्चित करने के लिए हमारा विभाग निरन्तर प्रयत्नशील है। एक गर्भवती महिला द्वारा प्रतिदिन आयरन, फोलिक एसिड (आई0एफ0ए0) और कैल्शियम कि गोली खाना, पूरे गर्भकाल में अपने वजन की निगरानी करना तथा दस में से कम से कम पाँच खाद्य समूहों का सेवन करा पाना बिना उसकी स्वयं की इच्छा और उसके परिवार के सहयोग के दुरूह कार्य है। इसी प्रकार एक नवजात शिशु को एक घंटे के अंदर स्तनपान करा देना, छह माह की आयु तक केवल स्तनपान कराना और समय से पूरक आहार प्रारम्भ कर स्तनपान जारी रखना भी सुनिश्चित करना बिना परिवार के सदस्यों के सहयोग से कठिन है। साथ ही विभिन्न बाधक तत्व और समाज में व्याप्त मिथक और भ्रांतियाँ सही पोषण व्यवहारों को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती हैं। पोषण पाठशाला का आयोजन इन्हीं मिथक और भ्रांतियों को दूर करने का सकारात्मक पहल है।