May 6, 2024

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पर्यावरण संरक्षण की अनोखी मिसाल: बहू के साथ सिर्फ एक पौधा घर लाए

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दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ एकजुट हो रही खापों ने बेटे के विवाह में पर्यावरण संरक्षण की भी मिसाल पेश की है। शहर से सटे गांव बोहर के नांदल परिवार ने अपने सेना में मेजर बेटे की शादी में दुल्हन पक्ष की तरफ से मिला दहेज तो ठुकराया ही, साथ ही बहू के साथ शगुन के तौर पर सिर्फ एक पौधा लेकर घर आए हैं। इस पौधे का नाम भी रखा है परिणय। इस अनूठी शादी की जहां समाज में काफी सराहना हो रही है, वहीं अधिकांश खापों ने परंपरा को अपनाने पर हामी भरी है।

नांदल खाप के 10 साल प्रधान और गांव गढ़ी बोहर के दो बार सरपंच रहे चौधरी महेंद्र सिंह नांदल ने बताया कि उनके पोते मेजर दीपेन्द्र की चार मार्च को कोलकाता में जयंत शर्मा की बेटी बिभासा के साथ शादी हुई थी। सगाई के समय ही दूल्हे के परिजनों ने तय कर लिया था कि वह दहेज नहीं, शगुन लेंगे और वह भी मात्र एक पौधा। शादी के वक्त जब दुल्हन पक्ष ने दहेज में कैश, गहने, फर्नीचर आदि देना चाहा तो चौधरी महेंद्र सिंह नांदल ने लड़की को ही सबसे बड़ा दहेज कहते हुए सामान लेने से मना कर दिया।

गृह प्रवेश से पहले बहू ने किया पौधरोपण
मेजर दीपेंद्र के पिता हरीश नांदल अनाज मंडी में ट्रेडिंग का कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि बेटे की शादी के बाद बहू एक पौधे के साथ ससुराल पहुंची। बहू ने गृहप्रवेश से पहले परिणय नामक शगुन के पौधे का रोपण किया। नवदंपती ने विवाह की वर्षगांठ और जीवन में आने वाले सभी शुभ अवसरों पर पौधरोपण करने और उनकी देखरेख करने का संकल्प लिया। शादी में आए मेहमानों को भी विदाई के समय पौधे भेंटकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया गया।

खापों के प्रधान बने गवाह
छह मार्च को बहू के स्वागत में रोहतक में भोज रखा गया। इसमें पूरे प्रदेश से खापों के प्रधानों व प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। खापों ने सर्वखाप के प्रधान महेंद्र सिंह नांदल की इस अनूठी मिसाल की सराहना करने के साथ इसे परंपरा बनाने की बात कही। यहां अहलावत खाप के प्रधान जयसिंह अहलावत, रोहतक चौरासी खाप के प्रधान हरदीप अहलावत, दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया, दलाल के खाप के प्रधान भूप सिंह दलाल व महासचिव मान सिंह दलाल, हुड्डा खाप के पूर्व प्रधान धर्मपाल हुड्डा, खाप पंचायतों के प्रवक्ता कैप्टन जगबीर मलिक, भूप सिंह नांदल, जोगेंद्र, धर्मवीर, जयनारायण, कृष्णा देवी, अंजनादेवी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहीं।

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