December 14, 2024

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लखनऊ ट्रांसपोर्ट नगर में इमारत गिरने से 5 लोगों की मौत, 24 घायल

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7 सितंबर 2024 की शाम को लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में एक तीन मंजिला इमारत हर्मिलाप के ढह जाने से दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है और 24 लोग घायल हो गए हैं। बचाव कार्य जारी है और 15 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं, लेकिन मलबे में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह घटना की निगरानी कर रहे हैं और राहत कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं

लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में 7 सितंबर 2024 को एक भयानक हादसा हुआ जब एक तीन मंजिला इमारत हर्मिलाप अचानक ढह गई। शाम के वक्त हुए इस हादसे ने इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। इमारत में कई लोग फंसे हुए थे, और अब तक की जानकारी के अनुसार, 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 अन्य घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।

घटना के तुरंत बाद, राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें मौके पर पहुंचीं। अब तक 15 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी कुछ लोग मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।

इस इमारत के अचानक गिरने के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इमारत पुरानी थी और निर्माण में संभावित खामियों या घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया हो सकता है। इसके साथ ही यह भी संभव है कि इमारत की देखरेख और मरम्मत सही समय पर न की गई हो, जिससे यह कमजोर हो गई हो। प्रशासन द्वारा एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि हादसे के सही कारणों का पता लगाया जा सके।

घटनास्थल पर राहत कार्य में तेजी लाने के लिए प्रशासन ने NDRF और SDRF की टीमों को तुरंत बुलाया। पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी मौके पर तैनात हैं। बचाव कार्य के दौरान ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है ताकि मलबे के नीचे फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके।

घायलों को पास के अस्पतालों में भेजा गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। 15 लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया है, लेकिन अभी भी 5-6 लोग मलबे के नीचे फंसे हो सकते हैं। जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी राहत कार्य की निगरानी कर रहे हैं।

इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राहत कार्य में कोई कसर न छोड़ें। उन्होंने अधिकारियों को घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर उनका समुचित इलाज सुनिश्चित करने का आदेश दिया।

वहीं, लखनऊ से सांसद और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने लखनऊ के जिलाधिकारी से फोन पर बात कर घटनास्थल की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

इस तरह की त्रासदियों का स्थानीय समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाले लोगों के बीच इस घटना ने भय और चिंता का माहौल बना दिया है। लोगों में इमारतों की सुरक्षा और निर्माण मानकों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर से भवन निर्माण में सुरक्षा मानकों और नियमों की सख्ती से अनुपालन की आवश्यकता को उजागर किया है।

स्थानीय नागरिक भी इस बचाव कार्य में मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कई लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की और प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान की। राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग भी प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

जैसे-जैसे बचाव कार्य आगे बढ़ रहा है, प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी अन्य इमारत में इस तरह की घटना न हो। भवन निर्माण और रखरखाव की जांच की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। इमारतों की संरचनात्मक स्थिरता को लेकर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है।

अधिकारियों द्वारा इस घटना के बाद लखनऊ में अन्य पुरानी और जर्जर इमारतों की भी जांच की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा इस घटना की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जा सकता है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी त्रासदियां फिर से न हों।

निष्कर्ष:

लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में हुए इस हादसे ने शहर को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस दुखद घटना में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति पूरे समाज की संवेदनाएं हैं। प्रशासन और सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि राहत और बचाव कार्य जल्द से जल्द पूरा हो और इस हादसे की पूरी जांच की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

यह दुर्घटना इमारत निर्माण के मानकों पर सवाल उठाती है, और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को उजागर करती है कि सभी संरचनाएं गुणवत्ता मानकों के अनुसार निर्मित हों।

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