असम में सुधर रहे हालात, 136 मामले दर्ज; 190 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार.
1 min readअसम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में हुई कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया कि कर्फ्यू को अब पूरी तरह से हटा देना चाहिए, वहीं इंटरनेट सेवा भी अब बहाल करने में कोई दिक्कत नहीं है। बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ उत्तर-पूर्वी राज्यों में उग्र प्रदर्शन हुए, जिससे यहां की स्थिति पिछले दिनों काफी गंभीर हो गई थी।
असम के स्कूल-कॉलेज 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं बंद रखने का एलान किया गया था। यहां हो रहे प्रदर्शनों में तीन रेलवे स्टेशन, एक पोस्ट ऑफिस, एक बैंक, एक बस टर्मिनस समेत कई सार्वजनविक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है।
दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बाद मंगलवार को केरल में भी प्रदर्शन शुरू हो गया। यहां प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और प्राइवेट बसों पर पत्थरबाजी कर उन्हें नुकसान पहुंचा है।
कर्फ्यू में भी ढील लगातार बढ़ाई जा रही है। असम पुलिस के महानिदेशक भास्कर ज्योति महंता का कहना है कि दुर्भाग्य से पुलिस कार्रवाई में 4 लोग मारे गए। स्थिति ऐसी हो गई थी कि अधिक लोगों और संपत्ति को बचाने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी .