सौरव गांगुली ने कहा- मैं बिना सोचे-समझे नहीं बोलता टेस्ट मैच 4 दिन का करने पर
1 min readकोलकाता. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने सोमवार को कहा कि 2023 से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मैचों को चार दिवसीय टेस्ट के रूप में कराने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रस्ताव पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. चार दिवसीय टेस्ट पर जब गांगुली से ईडन गार्डन्स पर उनका नजरिया जानना चाहा तो उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले हमें प्रस्ताव देखना होगा, इसे आने दीजिए और इसके बाद हम देखेंगे. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. बिना सोचे समझे टिप्पणी नहीं कर सकते.’
आप को बता दें आईसीसी की क्रिकेट समिति 2023 से 2031 के सत्र में टेस्ट मैचों को पांच दिवसीय की जगह चार दिवसीय करने पर औपचारिक विचार विमर्श करेगी. चार दिवसीय मैचों (4 Days Test Match) की जरूरत में कई मुद्दे भूमिका निभा सकते हैं जिसमें आईसीसी की और अधिक वैश्विक प्रतियोगिताओं के आयोजन की चाहत और बीसीसीआई की इस सत्र में अधिक द्विपक्षीय मुकाबलों की मांग है. इसके अलावा दुनिया भर में टी20 लीग का प्रसार हो रहा है और पांच दिवसीय मैच की मेजबानी में होने वाला खर्च भी शामिल है. चार दिवसीय टेस्ट कोई नयी धारणा नहीं है. इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड और आयरलैंड ने चार दिवसीय टेस्ट खेला था. इससे पहले 2017 में दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे ने भी ऐसा ही मैच खेला था.
4 दिन के टेस्ट मैच से क्या फायदा होगा?
बता दें चार दिवसीय टेस्ट मैच का कई बड़े बोर्ड और खिलाड़ी विरोध कर सकते हैं. वैसे अगर टेस्ट मैच चार (4 Days Test Match) दिनों के हो जाते हैं तो इससे सभी देशों को और ज्यादा मैच आयोजित करने का मौका मिल सकता है. बता दें अगर टेस्ट मैचों को 4 दिवसीय किया जाता है तो एक दिन में 90 की जगह 98 ओवर फेंके जाएंगे. टेस्ट मैच को चार दिवसीय करने के पीछे की सोच को इसलिए भी बल मिला है क्योंकि साल 2018 से अब तक 60 फीसदी मैच चार दिन या उससे कम वक्त में खत्म हुए हैं