जेएनयू हिंसा : कुछ छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष पर दर्ज की गईं
1 min readजेएनयू में 5 जनवरी की शाम हुई हिंसा के कुछ देर बाद ही दिल्ली पुलिस ने स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष पर दो मुकदमे दर्ज किए थे. यह मुकदमे रविवार शाम की हिंसा नहीं, बल्कि उससे पहले गार्ड के साथ मारपीट और सर्वर रूम में तोड़फोड़ के आरोप में दर्ज की गई. हैरान करने वाली बात ये है कि महज पांच मिनट के अंदर दोनों एफआईआर दर्ज की गई.
4 जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ और सुरक्षा गार्डों पर हमला करने के आरोप में घोष और 19 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
उसने जबरन सर्वर रूम में घुसने और सुरक्षाकर्मियों को उनकी ड्यूटी से रोकने और बदसलूकी का आरोप लगाया था. इसी शिकायत के आधार पर आइशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि ये दोनों एफआईआर महज 5 मिनट के अंदर दर्ज की गईं.
हॉस्टल फीस के खिलाफ जेएनयू में लंबे समय से आंदोलन चल रहा था. इसी बीच रजिस्ट्रेशन का वक्त आ गया और जेएनयू प्रशासन ने 1 से 5 जनवरी के बीच नए सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का फैसला किया. लेफ्ट विंग से जुड़े छात्र संगठन इस फैसले का विरोध करते रहे और प्रशासन पर हॉस्टल फीस वापसी का दबाव बनाने लगे. इसी क्रम में छात्र यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम तक पहुंच गए.
JNU में नकाबपोश हमलावरों ने किया हमला
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार शाम हुई हिंसा में कई छात्र घायल हुए थे। हाथ में डंडे, रॉड, हॉकी, पत्थरों के साथ पहुंचे नकाबपोश हमलावरों ने स्टूडेंट्स को जमकर पीटा। करीब 5 घंटे तक हंगामा होता रहा। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन प्रेजिडेंट आईशी घोष समेत कई स्टूडेंट्स और टीचर्स तक पर हमला हुआ। सिर, हाथ, पैर की गंभीर चोटों के साथ दो दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स को एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। लेफ्ट विंग के छात्रों ने एबीवीपी पर मारपीट का आरोप लगाया तो एबीवीपी ने लेफ्ट पर आरोप मढ़ा।
साउथ-वेस्ट डीसीपी देवेंद्र आर्या ने बताया कि पांच जनवरी की हिंसा के लिए एक एफआईआर दर्ज की गई है. जबकि दो एफआईआर सर्वर रूम में हंगामा और तोड़फोड़ से जुड़ी हैं. डीसीपी ने बताया कि आरोपियों की पहचान की जा रही है और फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.