नोटबंदी के बाद अलीगढ़: में घरेलू लॉकर व तिजोरी बनाने वाली कंपनियों की बिक्री में तीन गुना तक वृद्धि हो गई है
1 min readबैंकों में लॉकर की तर्ज पर अलीगढ़ में छोटी और घरेलू तिजोरियां बनाई जाती हैं। लगभग ढाई साल पहले देश में नोटबंदी के बाद घर में इस्तेमाल होने वाली छोटी तिजोरियां काफी पसंद की जा रही है।
इसमें सबसे खास बात यह है कि दीवारों में फिट होने वाली तिजोरियां की मांग सबसे ज्यादा बढ़ी है। वजन में काफी भारी होने वाली इन छोटी तिजोरी दीवार में फिट होने के बाद दिखती नहीं है।
लॉकर में आभूषण सुरक्षित : महिलाएं अपनी ज्वैलरी व जरूरी दस्तावेज को सुरक्षित करने के लिए घरेलू लॉकर लगवा रहीं हैं। अलीगढ़ की गुजरानवाला कंपनी 15 एमएम से लेकर 20 एमएम तक की मजबूती वाले घरेलू लॉकर तैयार कर रही है। कुछ महिलाएं डिजिटल लॉकर भी पसंद कर रही हैं। डिजिटल लॉकर कोड से ही खुलता है।
घरेलू लॉकर 40 से 60 किलो का होता है। इस लॉकर की कीमत 10 से 25 हजार रुपये के बीच है। लॉकर की कीमत डिजायन, गहराई, चौड़ाई पर भी निर्भर होती है। फायर व आर्म्ड प्रूफ लॉकर भी लोग तैयार करा रहे हैं। जैसी सुविधा होती है उसी के अनुसार दाम बढ़ जाते हैं।
कई राज्यों में सप्लाई : यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, पठानकोट, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में सप्लाई होती है। कंपनियों व बैंकों के ऑर्डर पर कंपनी आपूर्ति करती है। बैंकों की तमाम शर्तों व सालाना लगने वाले शुल्क के कारण लोग अब घरेलू तिजोरियों की ओर रुख कर रहे हैं। बैंक केवल एक साल के लिए लॉकर देते हैं। एक साल बाद ग्राहक को दोबारा आवेदन करना पड़ता है।
40 से 60 किलो के बीच होता है वजन
10 से 25 हजार के बीच लाकर की कीमत
नगदी-आभूषण सुरक्षित:
* घर में आभूषण और नगदी रखने के काम आती हैं छोटी तिजोरियां।
* बैंकों की तरह घर में लगाने के लिए अलीगढ़ में तैयार हो रहे लॉकर।
गुजरानवाला वर्कर्स अलीगढ़ के डायरेक्टर हर्षा अरोरा के मुताबिक, “कंपनी ग्राहकों के आर्डर पर घरेलू लॉकर तैयार करती है। पिछले दो सालों में घरेलू लॉकर की डिमांड तीन गुना बढ़ी है। महिलाएं ज्वैलरी व अन्य दस्तावेज सुरक्षित रखने के लिए आर्डर देती हैं। लॉकर की चाभी सामान्य ताले से अलग है, जिसको केवल ऑपरेट करने वाला व्यक्ति ही खोल सकता है।”