April 24, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

POLICE: ने गूगल की मदद से गांव का पता लगाकर शव परिजनों तक पहुंचाया

1 min read

मौके पर पहुंची फतेहपुर बेरी थाना पुलिस ने जब उस व्यक्ति के कागज देखे तो पाया कि 10 साल पहले एक कार की टक्कर के कारण इन्हे गंभीर रूप से घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद फतेहपुर बेरी थाना पुलिस ने मामले की जांच लोधी कॉलोनी थाने को सौंप दी।

दरअसल, 2 नवंबर 2018 को पुलिस को पीसीआर कॉल मिली थी कि जसोला आश्रम में रहने वाले एक व्यक्ति की बुखार के कारण मौत हो गई है। वह व्यक्ति बोलने में असक्षम था। साथ ही वह अपनी याददाशत भी खो चुका था। लोधी कॉलोनी में 10 साल पहले हुई दुर्घटना में अपनी आवाज और याददाश्त खो चुके जीत बहादुर बासनेट जीते जी अपने परिजनों से नहीं मिल सके। मगर पुलिस ने गूगल की मदद से उनके गांव का पता लगाकर उनका शव परिजनों तक पहुंचा दिया।

वह एक सड़क हादसे के बाद से जसोला आश्रम में रह रहे थे, मगर उन्हें अपने बारे में कुछ भी याद नहीं था।जांच आरंभ हुई तो पता चला कि 10 साल पहले दुर्घटना होने के बाद उन्हे एम्स में रखा गया था। इलाज के बाद उनके बोल न पाने के कारण उन्हें पुलिस ने आश्रम में रखवा दिया था। आश्रम में उनका मानसिक इलाज भी चल रहा था। आश्रम में रहने के दौरान उन्होंने कई जगह धौलगिरी लिख रखा था।

इस जानकारी पर पुलिस ने गूगल पर ढोलगिरी डाल कर देखा तो वह नेपाल के गांव की लोकेशन दिखाने लगा। पुलिस ने फिर नेपाल अंबेसी में भी संपर्क किया।इस दौरान पता चला कि इस जगह का नाम अंचल धौलागिरी है। फिर पुलिस ने नेपाल जाकर उनके परिवार का पता लगाया।

इसके बाद उनका शव परिवार को सौंप दिया गया। जीत बहादुर का परिवार उन्हें 10 सालों से ढूंढ रहा था, लेकिन जीत की पहचान न हो पाने और उनकी आवाज चले जाने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। उन्हें टक्कर मारने वाले चालक को भी सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया था। अब उनकी पहचान होने पर पुलिस उस पर दोबारा मुकदमा चलाएगी।

loading...
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.