चिन्मयानंद को 5 महीने बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिल जमानत
1 min readचिन्मयानंद को 137 वें दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत तो मिल गई लेकिन अभी उन्हें कुछ दिन और जेल में बिताने पड़ेंगे। हाईकोर्ट से जमानत मंजूरी के प्रपत्र आने और जमानत के प्रपत्र सत्यापन के बाद ही उनकी रिहाई हो सकेगी। जमानत मंजूर होने की जानकारी मिलने पर उनके वकील ओम सिंह ने जेल पहुंचकर चिन्मयानंद से मुलाकात की। जेल में चिन्मयानंद से क्या बात हुई। इस पर वह चुप रहे, लेकिन जमानत मंजूरी को न्याय का फैसला बताया।चिन्मयानंद को एसआईटी ने 20 सितंबर को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेजा गया। उनकी जमानत के लिए सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। जिस पर बहस के बाद 23 सितंबर को कोर्ट ने जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था। 30 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई। हाईकोर्ट में चिन्मयानंद के पक्ष में वकील दिलीप गुप्ता और मनीष सिंह ने बहस की थी। 16 नवंबर को कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। चिन्मयानंद के समर्थकों और उनके रिश्तेदारों को जमानत मंजूरी का लंबे समय से इंतजार था। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी ने जमानत मंजूरी का फैसला सुना दिया।
लखनऊ लोअर कोर्ट में दोनों मामलों की एक साथ होगी सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी ने चिन्मयानंद की जमानत मंजूरी का फैसला सुनाते हुए आदेशित किया कि चिन्मयानंद के खिलाफ और उनसे फिरौती मांगने का मामला एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। इसलिए दोनों ही मामलों की सुनवाई लखनऊ जोन की लोअर कोर्ट में की जाए। वहीं शाहजहांपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने भी दोनों ही मामलों की सुनवाई एक साथ करने के लिए सोमवार को प्रार्थना पत्र दिया।