सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट संशोधन 2018 को रखा बरकरार
1 min readसुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को राहत देते हुए SC/ST एक्ट में सरकार के 2018 के संशोधन को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अत्याचार कानून के तहत शिकायत किए जाने पर प्रारंभिक जांच जरूरी नहीं है. एफआईआर दर्ज करने से पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों या नियुक्ति प्राधिकरण से अनुमति जरूरी नहीं है. एससी/एसटी एक्ट के मामलों में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं. न्यायालय असाधारण परिस्थितियों में एफआईआर को रद्द कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST संशोधन कानून, 2018 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.
20 मार्च 2018 को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के हो रहे दुरूपयोग के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम के तहत मिलने वाली शिकायत पर स्वत: एफआईआर और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इसके बाद संसद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए कानून में संशोधन किया गया था. इसे भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.