तमिलनाडु में भीड़ ने युवक को पीट-पीटकर मार डाला
1 min readतमिलनाडु के विल्लूपुरम में इसी सप्ताह कुछ लोगों, जिनमें ज़्यादातर तथाकथित सवर्ण जातियों से थे, द्वारा पीटे जाने की वजह से ज़ख्मी 24-वर्षीय दलित युवक ने दम तोड़ दिया है. सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि दलित युवक शक्तिवेल को ज़मीन पर हाथ और पैर बांधकर डाला गया है. एक व्यक्ति उसे पीट रहा है, जबकि भीड़ चारों तरफ से घेरकर खड़ी खड़ी है. नज़दीकी सड़क पर एक मोटरसाइकिल भी लुढ़की पड़ी दिख रही है.पुलिस का कहना है कि वारदात चेन्नई से लगभग 150 किलोमीटर दूर इलाके में बुधवार को हुई, जब शक्तिवेल ने कथित रूप से अपना गुप्तांग खेत में काम कर रही महिला को दिखाया. हालांकि शक्तिवेल के परिवार का आरोप है कि उसे एक खेत में शौच से निवृत्त होने की वजह से निशाना बनाया गया.
पुलिस के मुताबिक, जब वे घटनास्थल पर पहुंचे, उन्होंने शक्तिवेल को बंधा हुआ पाया, और उसके मुंह से खून बह रहा था. उन्होंने ही शक्तिवेल के परिवार को सूचना दी, जिन्होंने उसे अस्पताल ले जाने से इंकार कर दिया, और उसे घर ले गए. कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई.शक्तिवेल की बहन ने स्थानीय पत्रकारों के सामने आरोप लगाया कि शक्तिवेल का पेट ठीक नहीं था, और उसकी मोटरसाइकिल में पेट्रोल खत्म हो गया था. इसी वजह से उसे निवृत्त होने के लिए खेतों में जाना पड़ा, और इसके बाद उस पर हमला कर दिया गया, क्योंकि वह दलित था.
तीन महिलाओं समेत सात लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, और उन पर निचली जातियों की रक्षा के लिए बनाए गए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. राज्य सरकार की ओर से शक्तिवेल के परिवार को लगभग चार लाख रुपये का मुआवज़ा दिया गया है.बहरहाल, पुलिस ने हत्या के इस मामले में जाति का कोई दखल होने की संभावना से इंकार किया है. विल्लूपुरम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जयकुमार ने NDTV को बताया, “ऐसा लगता है, भीड़ को उस पर (शक्तिवेल पर) हमला करते वक्त उसकी जाति के बारे में पता ही नहीं था… हम तफ्तीश कर रहे हैं… दूसरे पक्ष ने शक्तिवेल के खिलाफ पहले शिकायत दर्ज करवाई है…”
पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि शक्तिवेल पर पहले भी नाबालिग लड़की से रेप करने का आरोप लग चुका है, लेकिन अदालत के बाहर समझौता हो जाने के चलते उसे बरी कर दिया गया था.शक्तिवेल की हत्या के सिलसिले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे वन्नियार समुदाय के हैं.