May 8, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

चीन से दवाओं के कच्चे माल के आयात में आई बाधा

1 min read

जेनेरिक दवाएं बनाने और उनके निर्यात में भारत अव्वल देश है. साल 2019 में भारत ने 201 देशों को जेनेरिक दवाएं निर्यात की हैं और उससे अरबों रुपए कमाए हैं लेकिन आज भी भारत इन दवाओं को बनाने के लिए चीन पर निर्भर है और दवाओं को प्रोडक्शन के लिए चीन से एक्टिव फ़ार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स आयात करता है. ये दवाइयां बनाने का कच्चा माल होता है चीन में कोरोना वायरस फैलने की वजह से आयात और निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है और एपीआई का आयात ना हो पाने की वजह से कई कंपनियों दवाओं के प्रोडक्शन में कमी आ रही है.

जिसका असर आने वाले वक़्त में दवाओं की वैश्विक आपूर्ति पर दिख सकता है भारत सरकार के वाणिज्य विभाग से मान्यता और समर्थन प्राप्त ट्रेड प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, साल 2018-19 में भारत से दवाओं का अनुमानित निर्यात 19.14 अरब डॉलर का था इन दवाओं को बनाने के लिए क़रीब 85 फ़ीसदी एपीआई चीन से आयात किया जाता है.

भारत में एपीआई का प्रोडक्शन बेहद कम है और जो एपीआई भारत में बनाया जाता है उसके फ़ाइनल प्रोडक्ट बनने के लिए भी कुछ चीज़ें चीन से आयात की जाती हैं. यानी भारतीय कंपनियां एपीआई प्रोडक्शन के लिए भी चीन पर निर्भर हैं.कोरोना वायरस की वजह से चीन से एपीआई के आयात पर असर पड़ा है.

चीन से सप्लाई बंद होने की वजह से भारत में दवाएं बनाने वाली कंपनियों को एपीआई अब बढ़ी हुई क़ीमत पर ख़रीदना पड़ रहा है मुंबई स्थिति कंपनी आरती फार्मा एपीआई आयात करती है और उसे दवा बनाने वाली कंपनियों को बेचती है. कंपनी के मालिक हेमल लाठिया ने बताया कि चीन से जो भी कच्चा माल आता है वो पूरी तरह बंद है. कोई कंसाइन्मेंट नहीं आ रहे और कब तक आएंगे इसकी कोई जानकारी नहीं है.

loading...
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.