स्वानिधि योजना के लाभार्थियों से प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी बोले- पहली बार बनी ऐसी योजना:-
1 min readप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत कर की। लाभार्थियों से बात करने के बाद अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि मैंने स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए ये अनुभव किया कि सभी को खुशी भी है और आश्चर्य भी है। पहले तो नौकरी वालों को लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने होते थे, गरीब आदमी तो बैंक के भीतर जाने का भी नहीं सोच सकता था। लेकिन आज बैंक खुद आ रहा है। उन्होंने बैंक कर्मियों को धन्यवाद दिया और उनके काम की सराहना की।
रेहड़ी-पटरी वालों से हुए इस संवाद के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह की योजना आजादी के बाद पहली बार बनी है। मेरे गरीब भाई बहनों को कैसे कम से कम तकलीफ उठानी पड़े, सरकार के सभी प्रयासों के केंद्र में यही चिंता थी। इसी सोच के साथ देश ने 1 लाख 70 हजार करोड़ से गरीब कल्याण योजना शुरू की। संवाद की शुरुआत में आगरा की प्रीति ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इस दौरान नगर निगम से मदद मिल और उन्होंने काम फिर शुरू किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों से पूछा की उन्हें लोन लेने के लिए कितनी भाग दौड़ करनी पड़ी। कोविड19 से प्रभावित गरीब स्ट्रीट वेंडरों की मदद के लिए 1 जून 2020 को प्रधानंमंत्री स्वानिधि योजना शुरू की गई थी, जो आजीविका गतिविधियों को फिर से शुरू करते हैं। अब तक, इस योजना के तहत कुल 24 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 12 लाख से अधिक को मंजूरी दी गई है और लगभग 5.35 लाख ऋण वितरित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश राज्य में, 6 लाख से अधिक आवेदन आए हैं, जिनमें से लगभग 3.27 लाख मंजूर किए गए हैं और 1.87 लाख ऋण वितरित किए गए हैं।
इस योजना के तहत, सड़क विक्रेताओं को रियायती दरों पर 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी मिल सकती है। अब तक, उत्तर प्रदेश को विक्रेताओं से 557,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।
यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि पिछले महीने भी पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स के साथ ‘सर्वनिधि सम्मेलन’ के तहत बातचीत की थी। पीएम ने इंदौर, ग्वालियर और रायसेन के तीन विक्रेताओं से बात की और उन्हें योजना के तहत मिलने वाले लाभों और कठिनाइयों के बारे में, यदि कोई हो, तो उन्हें योजना के तहत अपने व्यवसाय के लिए बीज पूंजी की खरीद में सामना करना पड़ा।