ऑनलाइन गेम खेलने के लिए किया यह काम, अब भुगत रहे हैं अंजाम:-
1 min readजांच में सामने आई हकीकत तो पिता ने लगाई बचाव की गुहार
एक प्रवक्ता सहित दो लोगों ने साइबर सेल में दर्ज कराई थी शिकायत ऑनलाइन आईपीएल गेम खेलने का शौक पूरा करने के लिए बेटे ने प्रवक्ता पिता के बैंक एकाउंट से एक लाख 54 रुपए का ट्रांजेक्शन कर लिया। सेंट एंडयूज कॉलेज के टीचर की शिकायत पर साइबर सेल ने जांच की तो मामला सामने आया। पिता के एटीएम कार्ड की डिटेल और ओटीपी चुराकर बेटे ने वारदात को अंजाम दिया। करतूत पता लगने पर उसके फ्यूचर को देखते हुए पिता ने बेटे के खिलाफ कार्रवाई न करने का रिकवेस्ट एसएसपी से किया। एसएसपी ने बेटे की हरकतों पर विशेष ध्यान रखने की हिदायत देते हुए उनके अनुरोध को मान लिया। एक बिजनेसमैन के बेटे ने भी अपने पिता के एकाउंट से ऑनलाइन गेम खेलने के लिए 43 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन कर लिया। जांच होने पर व्यापारी ने भी बेटे के खिलाफ कार्रवाई न करने की गुहार लगाई।
सेंट एंडयूज कॉलेज के टीचर के एकाउंट से धड़ाधड़ रुपए गायब हो रहे थे। किसी साइबर क्रिमिनल की हरकत मानकर उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। साइबर सेल प्रभारी महेश चौबे, कांस्टेबल शशिशंकर राय, शशिकांत जायसवाल और नीतू नाविक की जांच में सामने आया कि उनका बेटा ही ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में ट्रांजेक्शन कर रहा है। पुलिस ने जब यह जानकारी टीचर को दी तो वह परेशान हो गए। बेटे के फ्यूचर को देखते हुए उन्होंने किसी तरह की कार्रवाई न करने की गुहार लगाई। उधर, कोतवाली एरिया में रहने वाले व्यापारी की शिकायत जब जांच हुई तो पता लगा कि बेटे ने ही 17 बार में 43000 हजार का ट्रांजेक्शन किया है। उन्होंने भी बेटे की हरकत पर माफी देने की गुहार एसएसपी से लगाई। दोनों मामलों में सामने आया कि पिता के मोबाइल आने वाली ओटीपी और अन्य डिटेल को बेटे डिलीट कर देते थे।
गार्जियन बरतें सावधानी बच्चों के हरकतों पर नजर रखें। आनलाइन गेमिंग की निगरानी करें।
अपने मोबाइल की नियमित जांच करें। एटीएम कार्ड वगैरह सुरक्षित रखें।
बच्चों को रुपए की आवश्यकता पड़ने पर खुद उनसे पूछकर उपलब्ध कराएं
किसी गेम, खरीदारी इत्यादि के संबंध में बात करके नियमित जानकारी लेते रहें।
साइबर सेल की जांच में मामले सामने आए। पता लगा कि पीड़ितों के एकाउंट से उनके बेटों ने ही आनलाइन गेम्स के लिए ट्रांजेक्शन किया है। तब उन्होंने बच्चों के फ्यूचर को देखते हुए किसी तरह की कार्रवाई न करने की अपील की। हिदायत के साथ उनके अनुरोध को स्वीकार किया गया।