सस्ता हुआ होम लोन, ब्याज दर को रेपो रेट से जोड़ने से
1 min readआरबीआई द्वारा एक अक्तूबर से ब्याज दरों की नई व्यवस्था को शुरू करने के बाद नए ग्राहकों के लोन पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है। वहीं पुराने ग्राहकों को इसका लाभ कम से कम तीन महीने बाद से मिलने लगेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पुराने चल रहे लोन का रीसेट पीरियड खत्म होने के बाद ही इसको रेपो रेट में बदलवाया जा सकता है।
कब कम होगी ईएमआई
बैंक आरबीआई की मौद्रिक नीति आने के बाद वाले महीने से ब्याज दरों में बदलाव करेंगे। अगर रेपो रेट में आरबीआई कमी करता है तो फिर इसका फायदा अगले महीने से मिलेगा। हालांकि यह केवल उनके लिए होगा, जो नया लोन लेते हैं। पुराने ग्राहकों को कम से कम तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा। आरबीआई ने पुराने ग्राहकों के लिए कम से कम तीन महीने का रिसेट पीरियड करने का निर्देश दिया है।
इस उदाहरण से समझे
ऐसे में अगर किसी ग्राहक का लोन सितंबर में शुरू हुआ है और आरबीआई अक्तूबर में मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो रेट में कमी करता है तो उस ग्राहक के लिए ब्याज दरों में कमी दिसंबर से होगी। जब भी रेपो रेट में कमी या फिर बढ़ोतरी होगी तो उसका फायदा हर तीन महीने के बाद ही मिलेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा था कि वो ब्याज दर को रेपो रेट से जोड़ें, ताकि लोगों के लोन की ईएमआई कम हो सके। अभी तक बैंक सभी तरह के होम लोन, कार लोन, शैक्षिक लोन और पर्सनल लोन मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लैंडिंग रेट (एमसीएलआर) के द्वारा तय करते थे। एमसीएलआर से लोन की ब्याज दर काफी महंगी हो जाती थी। हालांकि अब रेपो रेट लिंक रेट (आरआरएलआर) की व्यवस्था शुरू होने से लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई कम होने लगी है।
एक फीसदी सस्ता हुआ होम लोन
रेपो रेट से ब्याज दर को लिंक करने के बाद से सभी तरह के लोन की ब्याज दर में एक फीसदी की कमी आ गई है। ब्याज दर रेपो रेट आधारित होने से हाउसिंग लोन की ब्याज दर आठ फीसदी के आसपास आ गई है। वहीं, कार लोन के लिए भी नौ फीसदी के आसपास ही ब्याज देना पड़ेगा। एमसीएलआर आधारित ब्याज दर से रेपो रेट आधारित ब्याज दर में स्विच करने वाले ग्राहकों को भी ब्याज दरों में राहत मिलेगी।
हर तीन महीने में होगा बदलाव
आरबीआई ने बैंकों से कहा कि वो रेपो रेट आधारित ब्याज दर में तीन महीनों में कम से कम एक बार बदलाव जरूर करें। इसका फायदा नए ग्राहकों के अलावा पुराने ग्राहकों को भी मिलेगा। केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा था कि वो एमसीएलआर के बजाए एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट का प्रयोग करें।
loading...