भ्रष्टाचार में भारत की स्थिति में लगातार दूसरे साल सुधार नहीं, ग्लोबल करप्शन इंडेक्स में 80वें पायदान पर
1 min readइस बार दिलचस्प बात यह रही कि भारत के साथ-साथ चीन, घाना, बेनिन और मोरक्को का भी स्कोर 41 हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान की रैंकिंग 120 रही। यह ज्यादा भ्रष्टाचार को दर्शाता है। इस इंडेक्स में सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के मामलों में 180 देशों को रखा गया था। इंडेक्स 0 से 100 के पैमाने का उपयोग करता है, जहां 0 अत्यधिक भ्रष्ट को दिखाता है वहीं, नंबर 100 बहुत भ्रष्टाचारमुक्त को बताता है।
ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स के मुताबिक दो-तिहाई देशों का स्कोर 50 से कम है और औसत स्कोर 43 है। 2012 से लेकर अब तक केवल 22 देशों ने अपने स्कोर में सुधार किया है। इसमें एस्टोनिया, ग्रीस और गुयाना शामिल है। 21 देशों के स्कोर में गिरावट दर्ज की गई जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और निकारागुआ शामिल है। जी-7 देशों के चार देशों के स्कोर में कमी दर्ज की गई। इसमें कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। जर्मनी और जापान के देशों के स्कोर में कोई सुधार नहीं हुआ। इटली के स्कोर में एक अंक का सुधार हुआ।
ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (वैश्विक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक) 2019 में भारत के स्कोर में कोई सुधार नहीं हुआ और वह 41 के स्कोर के साथ 80वें रैंक पर है। 2018 में उसकी रैंकिंग 78वीं थी और स्कोर 41 ही था। निष्पक्ष रूप से वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार का आंकलन करने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशन द्वारा जारी हालिया सर्वे के मुताबिक, भारत का इंडेक्स में कुल स्कोर 41 रहा और वह 80वें स्थान पर है। 2017 के इंडेक्स में वह 40 अंक के साथ 81वें स्थान पर था। इससे पहले 2016 में भारत इस इंडेक्स में 79वें स्थान पर था।