December 18, 2024

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अयोध्या नरेश हैं, वह फिर भी भगवान राम के वंशज नहीं हैं

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विमलेंद्र मोहन प्रसाद मिश्रा अयोध्या के शासकों के वंशज हैं और उनको आज भी अयोध्या नरेश कहा जाता है। वह अयोध्या नरेश हैं फिर भी वह राम जन्मभूमि विवाद मामले में हितधारक नहीं हैं। हालांकि वह भगवान राम के वंशज नहीं हैं। राम ठाकुर (राजपूत) थे और मिश्रा ब्राह्मण हैं। 55 साल से अधिक उम्र के मिश्रा को स्थानीय निवासी पप्पू भैया कहते हैं। वह थोड़े समय के लिए राजनीति में भी रहे जब 2009 में उन्होंने बहुजन समाज पाटीर् के टिकट पर लोकसभा चुनाव में उतरे थे मगर जीत हासिल करने में विफल रहे। उसके बाद उन्होंने राजनीति में कभी दिलचस्पी नहीं ली। संयोग से मिश्रा कई पीढ़ियों के बाद इस परिवार में पैदा हुए पहला पुरुष वारिस हैं। उनसे पहले के अन्य वारिस गोद ही लिए गए थे। लिहाजा उनकी सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया। बाद में उनका एक छोटा भाई भी हुआ जिनका नाम शैलेंद्र मिश्रा हैं। उनके पुत्र यतींद्र मिश्रा चर्चित साहित्यकार हैं। मिश्रा को 14 साल की उम्र तक अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलने जाने की भी अनुमति नहीं दी जाती थी। मिश्रा ने खुद को अयोध्या मंदिर राजनीति से अलग रखा है। सुरक्षा कारणों से विमलेंद्र को देहरादून स्थित प्रतिष्ठित दून स्कूल नहीं भेजा गया और स्थानीय स्कूलों में ही उनकी स्कूली शिक्षा पूरी हुई। उन्होंने अपने भव्य राजमहल का एक हिस्सा हेरिटेज होटल में बदलने की योजना बनाई है। उनके समर्थक कहते हैं कि उनका यह फैसला सुविचारित है क्यों कि मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों में उनका काफी सम्मान है।

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