IAS प्रवीण लक्षकार की सूज बुज से 15 दिनों में कोरोना मुक्त हुआ हाथरस
1 min readउत्तर प्रदेश का हाथरस जिला भी अब कोरोना संक्रमित मरीजों से मुक्त हो गया है. अब इस जिले में कोई भी शख्स कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है. हाथरस की गिनती उन जिलों में भी है, जिन्होंने लॉकडाउन को लेकर नो-टॉलरेंस की नीति अपना रखी थी. शायद यही वजह है कि कोरोना संक्रमण पर काबू पाने में इस जनपद को महज 15 दिन का समय लगा. लोकल इंटेलीजेंस यूनिट के जरिए 29 मार्च की रात हमें पता चला कि बाहर से आए हुए कुछ लोग स्थानीय मस्जिद में छिपे हुए हैं. ये सभी लोग दिल्ली मरकज से जुड़े हुए जमाती हैं. सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की ज्वाइंट टीम मौके के लिए रवाना हो गई.
उक्त मस्जिद से कुल 22 लोगों को हिरासत में लेकर जिला अस्पताल लाया गया. जांच के लिए सैंपल भेजने के बाद, हमने सभी को वहीं क्वारंटाइन कर दिया. 1 अप्रैल को आई रिपोर्ट में 4 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. जिन्हें बेहतर इलाज के लिए कोविड एल-वन फैसिलिटी में स्थानांतरित कर दिया. वहीं बाकी बचे 22 लोगों को हमने 14 दिन के क्वारंटाइन में भेज दिया. इस दौरान किसी शख्स ने कोई लक्षण दिखते हैं तो उसे जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा जाता है. जांच की रिपोर्ट आने तक वह जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रहता है. रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मरीज को एल-वन फैसिलिटी में स्थानांतरित कर देते हैं.
यदि रिपोर्ट निगेटिव आई तो उसे वापस क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया जाता है. इस तरह हमारे पास पर्याप्त साधन और संसाधन हैं. अभी तक हमें किसी को अलीगढ़ या आगरा भेजने की जरूरत नहीं पड़ी.20 अप्रैल से शर्तों के साथ कुछ गतिविधियों की इजाजत दी गई है. इनमें कृषि संबंधित गतिविधियां, आंगनबाड़ियों का संचालन, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, औद्योगिक प्रतिष्ठान और निर्माण संबंधी गतिविधियां आदि शामिल हैं. सभी सेक्टर्स के वर्क नेचर के अनुसार, शर्तें लगाई गई हैं. स्थानीय प्रशासन को शर्तों का कड़ाई से पालन कराने के लिए कहा गया है.