कोरोना कहर मोदी सरकार रख रही भारत में चीन के निवेश पर पैनी नजर
1 min readचीन का दुनियाभर की कंपनियों में भारी निवेश है। अभी वैश्विक बाजारों में गिरावट के बाद दिग्गज कंपनियों के शेयर काफी सस्ते हो गए हैं। ऐसे में चीन ने आक्रामक ढंग से भारत समेत अमेरिका, यूरोप की कंपनियों में निवेश तेज कर दिया है। बीते दिनों चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने भारत की एचडीएफसी में हिस्सेदारी बढ़ाकर एक फीसदी से अधिक कर ली। सरकार ने चीन समेत पड़ोसी देशों से आने वाले विदेशी निवेश के नियम कड़े कर दिए विशेषज्ञों के अनुसार चीन के निवेश पर पूरी पाबंदी भी नहीं लगा सकते हैं।
पैनी नजर रख अंकुश रख सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस के कहर की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है। ऐसे में चीन कई बड़े दांव खेलने की कोशिशों में जुटा है। ड्रैगन की एक अरब डॉलर से अधिक पूंजी वाली कंपनियों पर नजर है।खाने, खिलौने, मोबाइल, ऑटोमोबाइल, वित्तीय लेनदेन, घरों की लाइट से मनोरंजन के क्षेत्र में चीनी कंपनियां भारत के घर-घर में हैं। पेटीएम, स्विगी, बाइट डांस, शियोमी, स्नैपडील, ओला, टिकटॉक और जोमैटो समेत कई कंपनियों में चीन ने निवेश कर रखा है। यूसी ब्राउजर के रूप में सीधे पहुंच भारत में है। इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, इस्पात, दवा क्षेत्र में चीनी कंपनियों का भारतीय बाजार पर दबदबा है।
स्नैपडील-अलीबाबा: 70 करोड़ डॉलर
पेटीएम-अलीबाबा: 55 करोड़ डॉलर
ओला-टेंनसेंट: 50 करोड़ डॉलर
स्विगी-टेंनसेंट, माएटुआन डिनपिंग: 50 करोड़ डॉलर
बिग बास्केट-अलीबाबा :25 करोड़ डॉलर
जोमैटो-अलीबाबा :20 करोड़ डॉलर
ड्रीम 11-टेंनसेंट: 15 करोड़ डॉलर
हाइक-टेंनसेंट :15 करोड़ डॉलर