लॉकडाउन के चलते सादगी से हुई भगवान बुद्ध की पूजा
1 min readभगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर मे आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर 2564वीं त्रिविध पावन बुद्ध जयन्ती का आयोजन होना था लेकिन लॉकडाउन के चलते यह आयोजन नहीं हो सका. मुख्य मंदिर में भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना तो नहीं हो सकी लेकिन बौद्ध भिक्षुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस अवसर पर सादगी से मंदिर के बाहर बैठ कर पूजा की. भगवान बुद्ध ने तीन संदेश दिए थे आइये जानते है। ….
॥ बुद्धम् शरणम् गच्छामि ॥
॥ धम्मम् शरणम् गच्छामि॥
॥ संघम् शरणम् गच्छामि ॥
आज पूरा विश्व इसी रास्ते पर चलने का प्रयास कर रहा है. बौद्ध धर्म अनुयायियों के लिए त्रिविध पावन बुध पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था और आज ही के दिन बोध गया में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी हुई थी. साथ ही आज के दिन ही कुशीनगर में उन्हें महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई थी.बौद्ध भिक्षु डॉ. नन्दरत्न थेरो बताते हैं कि इसी बैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध ने जन्म लिया और इसी दिन कुशीनगर में निर्वाण की प्राप्ति हुई थी इसलिए इसका विशेष महत्व है. हर साल इसे बौद्ध भिक्षुओं की ओर से इसे भव्यता से मनाया जाता है लेकिन लॉकडाउन की वजह से विशेष पूजा का आयोजन नहीं हो सका है. हम लोगों ने भगवान बुद्ध की पूजा सादगी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मंदिर के बाहर बैठकर की है.