बैंक कर्मी को गोली मार के हत्या कर दी
1 min readबताया जाता है कि डॉक्टर लक्ष्मीकांत यादव का पुराना जमीनी विवाद आरोपी इनामिया अपराधी के एक स्थानीय रिश्तेदार से है और रविन्द्र प्रताप सिंह का अक्सर डॉ. लक्ष्मीकांत यादव की क्लीनिक पर आना-जाना होता था।
आशंका जाहिर की जा रही है कि जमीनी विवाद के चलते और रविंद्र प्रताप सिंह के लक्ष्मीकांत के यहां आने-जाने को लेकर आरोपी इनामी अपराधी ने दूसरे शातिर बदमाश के साथ मिलकर उक्त घटना को अंजाम दिया। थाना क्षेत्र राजेसुल्तानपुर के चोरमरवा कमालपुर गांव निवासी पूर्व डीआईजी के चचेरे भाई बैंक कर्मी रविंद्र प्रताप सिंह एवं पदुमपुर कस्बे के चिकित्सक डॉ. लक्ष्मीकांत यादव को गोली मारे जाने की घटना के पीछे जमीनी विवाद एवं पिता की मौत का इंतकाम लेने का मामला सामने आ रहा है।
बताया जाता है कि पूर्व डीआईजी के चचेरे भाई के परिजनों ने घटना में जनपद आजमगढ़ के महाराजगंज थाना क्षेत्र के एक 50 हजार इनामी अपराधी के साथ ही एक अन्य शातिर बदमाश की संलिप्तता बताई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में परिजनों ने दो अन्य को साजिश रचने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों एवं परिजनों के अनुसार लगभग 35 वर्ष पूर्व आरोपी बदमाश के पिता शातिर अपराधी रामदरश यादव की मौत पुलिस मुठभेड़ में उस समय हो गई थी जब वह चोरमरवा कमालपुर गांव आया था। ग्रामीणों के मुताबिक मुठभेड़ के समय लगभग ढाई घण्टे तक पुलिस एवं शातिर अपराधी के बीच गोली चली थी।
रामदरश का लड़का भी शातिर अपराधी बन गया। वह हिस्ट्रीशीटर होने के साथ ही 50 हजार का इनामी अपराधी भी है।वह अपने पिता की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के लिए रविन्द्र प्रताप सिंह की भूमिका मानता था और पिछले तीन-चार दिनों से चोरमरा कमालपुर गांव में आकर अपने पिता की हत्या के बाबत लोगों से पूछताछ कर रहा था। घटना के 2 दिन पूर्व भी उसने गांव वालों से पिता की मौत का बदला लेने की बात करते हुए जानकारी ली थी, जिसकी जानकारी डीआईजी के चचेरे भाई ने राजेसुल्तानपुर पुलिस को दी थी, मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।