May 7, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को दी नसीहत, कहा- मोदी को चीन के रुख को नहीं देनी चाहिए ताकत….

1 min read

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान को लेकर उनकी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि मोदी को अपने बयान से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए. सरकार के सभी अंगों को मिलकर मौजूदा चुनौती का सामना करना चाहिए. सिंह ने यह भी कहा कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता. साथ ही यह सुनिश्चित होना चाहिए कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाए.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन तनाव विषय पर शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि ना कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और ना ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है. उनके इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के सर्वदलीय बैठक में की गई टिप्पणियों की कुछ हलकों में ‘‘शरारतपूर्ण व्याख्या’’ की कोशिश की जा रही है.

20 जवानों ने देश के नाम किया अपने प्राणों का न्योछावर

पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘15-16 जून, 2020 को गलवान घाटी में भारत के 20 बहादुर जवानों ने वीरता के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. इस सर्वोच्च बलिदान के लिए हम इन साहसी सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञ हैं. लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए.’’

सिंह ने कहा, ‘‘आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय और सरकार के उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करेंगी. जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है.’’ उनके मुताबिक हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है. प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और घोषणाओं से देश की सुरक्षा और सामरिक समेत भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए.

धमकियों और दबाव के सामने झुकने का समय नहीं

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान घाटी और पांगोंग सो झील इलाके में अनेकों बार घुसपैठ की है. हम ना तो उनकी धमकियों और दबाव के सामने झुकेंगे और ना ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए. जबकि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने और स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें.’’

सिंह ने कहा, ‘‘यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है. हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता. पिछलग्गू सहयोगियों के प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वे वक्त की चुनौतियों का सामना करें और कर्नल बी. संतोष बाबू और हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें. जिन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘भूभागीय अखंडता’ के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी.’’

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे कुछ भी कम किया जाना जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा.

loading...
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.