रक्षा बंधन भाई बहन के प्रेम का त्योहार आज जाने कुछ अहम बाते
1 min readभारत त्यौहारों का देश है यहाँ पर अलग-अलग तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं। रक्षाबंधन भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है
रक्षा बंधन भाई बहन के प्रेम का त्योहार है यह प्रत्येक वर्ष सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । इस दिन बहन सुबह ही स्नान कर तैयार हो जाती है ।
इसके बाद वह थाली में आरती का सामान सजाकर भाई की आरती उतारती है और भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांध देती है । साथ ही भाई का मुंह मिठाईयों से भर देती है । भाई भी बदले में बहन को रूपये एवं अन्य उपहार देता है ।
भाई को राखी बांधते समय बहन की यह कामना रहती है कि मेरा भाई सुखी और ऐश्वर्यशाली बने । और भाई बहन की रक्षा करने का वचन लेता है प्राचीन समय मे राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बांधती थी ।
इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हे विजयश्री के साथ वापस ले आएगा बतादे की रक्षा बंधन मानवीय भावों का बंधन है यह प्रेम, त्याग और कर्तव्य का बन्धन है इस बंधन में एक बार भी बंध जाने पर इसे तोड़ना बड़ा कठिन होता है इन धागों में इतनी शक्ति होती है
जितनी लोहे की जंजीर में भी नहीं होती इस दिन हर भाई को यह प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि वह अपने प्राणों की बाजी लगाकर भी बहन की रक्षा करेगा। यही रक्षा-बंधन पर्व का महान् संदेश है श्रावण पूर्णिमा का पूरा चाँद भाई-बहन के प्रेम और कर्तव्य को समर्पित होता है
आप सभी को बतादे की रक्षाबंधन जुलाई या फिर अगस्त के महीने में आता है। इस त्यौहार में राखी का सबसे अधिक महत्व होता है। रक्षाबंधन एक सामाजिक , पौराणिक , धार्मिक , और ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक ऐसा पावन बंधन है इस दिन भाई अपनी बहन को हर प्रकार की मुसीबत से बचाने का वचन देता है।
इस दिन राखी बाँधने की परम्परा की वजह से भाई-बहन के बीच के सभी मनमुटाव दूर होते हैं और उनके बीच प्रेम बढ़ जाता है। वैसे तो भाई-बहन का प्यार एक दिन का मोहताज नहीं होता है
लेकिन रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बन गया है। सालों से चला आ रहा यह त्यौहार आज भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है
इस तरह रक्षाबंधन का त्योहार समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ाने का कार्य करता है । संसार भर में यह अनूठा पर्व है इसमें हमें देश की प्राचीन संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है