December 19, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

वसुंधरा राजे को नहीं खाली करना होगा सरकारी बंगला : गहलोत

1 min read

बहुमत के संकट से जूझ रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सरकारी बंगला खाली करने से मुक्त कर दिया है.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अब इस कार्यकाल तक और फिर विधायक निर्वाचित होने पर मौजूदा बंगले में रह सकती हैं. गहलोत सरकार ने फैसला लिया कि जब तक कोई पूर्व सीएम विधायक रहेगा उसे टाइप वन श्रेणी का बंगला मिलेगा. वो भी आउट ऑफ टर्न.

राजे को जयपुर के सिविल लाइंस में सीएम हाउस के नजदीक टाइप वन श्रेणी का ही बंगला नंबर-13 आंवटित है. इस बंगले में राजे वर्ष 2008 से ही रह रही हैं.

साल 2013 से 2018 तक जब वह मुख्यमंत्री रहीं, तब बतौर सीएम भी इसी बंगले में रही थीं. इसे ही सीएम हाउस घोषित करवा दिया था. राजस्थान सरकार ने राजे के बंगले समेत चार बंगलों को सामान्य प्रशासन विभाग से विधानसभा के पूल में डाल दिया है.

अब ये बंगले पूर्व सीएम, केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे या राज्य मंत्री और तीन बार विधानसभा के सदस्य रहे या फिर राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री और दो बार विधानसभा सदस्य रहे या फिर दो बार सासंद रहे नेताओं को आंवटित किए जा सकेंगे.

इस फैसले से अब इस दायरे में आने वाले नेताओं को आउट ऑफ टर्न बंगले आंवटित करने का रास्ता गहलोत सरकार ने खोज लिया है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने 2019 में पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले खाली करवाने का आदेश दिया था. इसमें वसुंधरा राजे का सरकारी बंगला भी शामिल था.

राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने राजे से बंगला खाली नहीं करवाया. हालांकि कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया से बंगला खाली करवा लिया गया था.

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट राजे से बंगला खाली नहीं करवाने पर राजे और गहलोत के बीच मिलीभगत आरोप लगा चुके हैं.

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी आरोप लगा चुके हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वसुंधरा राजे को फायदा पहुंचाने के लिए उनसे सरकारी बंगला खाली नहीं करवा रहे हैं.

बेनीवाल ने तो यह तक आरोप लगाया कि बंगले के बदले राजे गहलोत की सरकार बचाने में मदद कर रही हैं. राजे से बंगला खाली नहीं करवाने पर एडवोकेट विमल चौधरी ने राजस्थान हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर कर रखी है. इस याचिका पर 10 सिंतबर को सुनवाई होनी है.

याचिका में अपील की गई है कि राजे से बंगला खाली नहीं करने पर हाईकोर्ट के आदेश से लेकर अब तक 10 हजार रुपए रोजाना का जुर्माना वसूला जाये.

लेकिन, सरकार के इस ताजा फैसले से हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना से बचने का रास्ता भी खोज लिया और राजे का बंगला भी.

इस बीच ताजा संकट पर वसुंधरा राजे अब तक चुप हैं. राजे दो दिन पहले दिल्ली पहुंची हैं. वह दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर खुद पर लग रहे आरोपों पर सफाई दे सकती हैं

और खुद की भूमिका के बारे में भी बात कर सकती है. राजे हाल ही में करीब एक महीने तक धौलपुर में महल में रही. प्रदेश के सियासी संकट पर राजे की चुप्पी पर जब सवाल खड़े हुए तब बीजेपी ने सफाई दी थी कि जब जरूरत होगी तब राजे आ जाएंगी.

loading...
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.