मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए स्वास्थ्य विभाग में 50 साल के ऊपर के बाबुओं के छंटनी के आदेश
1 min readउत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में 50 साल से अधिक उम्र के बाबुओं की स्क्रीनिंग और छंटनी के लिये आदेश जारी कर दिया है.
इसके लिए 4 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी 50 साल से अधिक उम्र के बाबुओं की कार्य दक्षता, ईमानदारी और शारीरिक दक्षता के आधार पर स्क्रीनिंग करेगी. इसके बाद छंटनी की प्रक्रिया शुरू करेगी. सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग में अपने काम के प्रति लापरवाही बरतने वाले और अपने काम में ढिलाई करने वाले कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कर उनकी छंटनी की जाएगी. कमेटी को जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.
जारी आदेश में कहा गया है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों व चिकित्सालयों में कार्यरत लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की सेवा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी में चार सदस्य शामिल हैं जो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 50 वर्ष से अधिक आयु के कार्मिकों की स्क्रीनिंग की कार्रवाई पूरी करते हुए नियुक्ति प्राधिकारी को रिपोर्ट देगी.
दरअसल, 2017 में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात स्पष्ट कर दी थी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी नीति जीरो टॉलरेंस की रहेगी. पिछले तीन सालों में लगतार स्वास्थ्य महकमे में हुई कई घटनाओं से सरकार की किरकिरी हुई. इतना ही नहीं तमाम कोशिशों के बाद भी स्वास्थ्य महकमे में कोई सुधार देखने को नहीं मिला, जिसके बाद यह फैसला लिया गया. सरकार के इस आदेश के बाद विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. कई लोग इस आदेश का विरोध करते नजर आए तो कई लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने फैसले का स्वागत किया है.
फैसले से नाराज होकर लिपिक संवर्ग ने 14 अक्टूबर को आंदोलन करने का ऐलान किया है. स्वास्थ्य विभाग में प्रदेश भर में लिपिक संवर्ग के 1400 से 1500 कर्मचारी तैनात हैं. अफसरों की मानें तो इनमें से 50 से ज्यादा उम्र के करीब 30 से 40 प्रतिशत कर्मचारी हैं. शासन के इस फ़ैसले के बाद स्वास्थ्य महकमें में हलचल तेज हो गयी है तो वहीं नाराज़गी के स्वर भी फूटने लगे हैं.