SBI ग्राहकों के लिए खुशखबरी : अब EMI को सस्ती करने के लिए नहीं जाना पड़ेगा बैंक
1 min readस्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशों के मुताबिक लोन रिस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी पेश कर दी है. इसका मकसद कोविड-19 के असर से बैंक के खुदरा कर्जदारों को राहत देना है. लोन रिस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी को लागू करने के लिए एसबीआई ने सोमवार को एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया. ग्राहक बैंक के पोर्टल https://bank.sbi/ या https://sbi.co.in के जरिये घर बैठे पता कर सकेंगे कि उनका होम लोन या ऑटो लोन रिस्ट्रक्चर हो सकता है या नहीं.
एसबीआई ने कहा कि इस पोर्टल के जरिये होम लोन, ऑटो लोन जैसे रिटेल लोन की रिस्ट्रक्चरिंग आसानी से हो सकेगी. ग्राहकों को लोन रिस्ट्रक्चर की पात्रता की जानकारी हासिल करने के लिए सिर्फ अपनी इनकम का ब्योरा देना होगा. बता दें कि आरबीआई के लोन रिस्ट्रक्चरिंग फ्रेमवर्क के तहत वे कर्जदार लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए पात्र हैं, जिनके लोन अकाउंट स्टैंडर्ड श्रेणी में आते हैं. इसमें वे ग्राहक आएंगे, जिन्होंने लोन पेमेंट में 1 मार्च 2020 तक 30 दिन या इससे ज्यादा का डिफॉल्ट नहीं किया है. साथ ही जिनकी आय पर कोरोना संकट का असर पड़ा है, वे भी इसके दायरे में आएंगे.
स्टेट बैंक के इस पोर्टल के जरिये ग्राहक अपने लोन के मोरेटोरियम के लिए भी रिक्वेस्ट कर सकेंगे. इसके तहत एक माह से लेकर 24 महीने तक के लिए मोरेटोरियम की रिक्वेस्ट किया जा सकेगी. यही नहीं, ग्राहक इस पोर्टल के जरिये अपने लोन रिपेमेंट की अवधि बढ़ाने के लिए भी रिक्वेस्ट कर सकते हैं. आरबीआई ने बैंकों को अपने व्यक्तिगत ग्राहकों को लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प देने की अनुमति दे दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को 15 सितंबर 2020 तक लोन रिस्ट्रक्चरिंग योजना शुरू करने के लिए कहा था.
पोर्टल में लॉग इन करने के बाद एसबीआई के रिटेल ग्राहकों को खाता संख्या डालने के लिए कहा जाएगा.
ओटीपी वैलिडेशन पूरा होने और कुछ जरूरी जानकारियां डालने के बाद ग्राहक को लोन रिस्ट्रक्चरिंग को लेकर अपनी पात्रता का पता चल सकेगा. उसे एक रेफरेंस नंबर भी मिलेगा.
रेफरेंस नंबर 30 दिन तक मान्य रहेगा. इस दौरान ग्राहक जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए बैंक की शाखा जा सकता है.
लोन रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया डॉक्युमेंट्स के वेरिफिकेशन और ब्रांच में डॉक्युमेंट के एग्जीक्यूशन के बाद पूरी होगी.