बड़ी खबर : उप सभापति हरिवंश ने पिलाई धरना दे रहे सांसदों को चाय
1 min readलोकतंत्र का मंदिर बीते तीन चार दिनों से किसान बिल को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच वैचारिक लड़ाई का केंद्र बना हुआ है. रविवार को राज्यसभा में अजीब-व-गरीब तस्वीर देखने को मिली जब उप सभापति हरिवंश के चेयर पर होते जोरदार हंगामा किया गया और चेयर की गरिमा की अनदेखी की गई. सोमवार को सांसदों की इस हरकत पर कार्रवाई हुई और 8 सासंद निलंबित किए.
सांसद निलंबन के बाद ये संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए और तब से अब तक बैठे हैं. रातभर उनका धरना जारी रहा, लेकिन मंगलवार की सुबह धरना स्थल से मंगलमय तस्वीर आई. जब निलंबित किए गए 8 सांसदों के लिए चाय और नाश्ता लेकर खुद पहुंचे उप सभापति हरिवंश. तस्वीरों में दिख रहा है कि इस दौरान खूब आत्मियता देखी गई, लेकिन वैचारिक लड़ाई की मर्यादा और नीति के तहत चाय के ऑफर ठुकरा दिया गया. लेकिन ये घटना लोकतंत्र की खूबसूरती को जमकर बयां कर गया.
हरिवंश ने सांसदों से कहा कि वो व्यक्तिगत तौर पर इसलिए मिलने के लिए आए हैं क्योंकि वो सभी उनके सहयोगी हैं. लेकिन इन सांसदों ने कहा कि अगर व्यक्तिगत तौर पर मिलना है तो या तो हरिवंश सांसदों के घर आएं या सांसदों को अपने घर बुलाएं. आप नेता संजय सिंह बोले हमने उप सभापति जी को कहा कि किसान विरोधी काला क़ानून वापस लो
रविवार को राज्यसभा में जिस कदर हंगामा हुआ, उसकी वजह से सभापति वेंकैया नायडू ने इन सांसदों को सस्पेंड किया था. इसके बाद सभी 8 निलंबित सांसद गांधी मूर्ति के सामने धरने पर बैठ गए. सांसद रातभर धरने पर बैठकर विरोध के गाने गाते रहे.
निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं. सभी सांसद रविवार को कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में विरोध कर रहे थे.
#WATCH: Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh brings tea for the Rajya Sabha MPs who are protesting at Parliament premises against their suspension from the House. #Delhi pic.twitter.com/eF1I5pVbsw
— ANI (@ANI) September 22, 2020
माकपा नेता इलामारम करीम ने कहा निलंबन से हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता. हम किसानों के साथ उनकी लड़ाई में साथ रहेंगे. उपसभापति ने कल संसदीय प्रक्रियाओं का गला घोंटा है. सांसदों के निलंबन ने भाजपा के कायर चेहरे को उजागर कर दिया है
निलंबन के खिलाफ कांग्रेस, माकपा, शिवसेना, जनता दल (सेक्यूलर), तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और समाजवादी पार्टी के सांसद धरने में शामिल हैं जिनके पास ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ और ‘‘संसद की मौत’’ जैसे नारे लिखी तख्तियां हैं.