May 7, 2024

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गोल्ड लोन लेने जा रहे हैं तो पहले जान लें इसकी पूरी एबीसीडी जानकारी :-

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सोने के दाम 50,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास आने के बाद से भारत में गोल्ड लोन की मांग में तेजी आई है। इसके अलावा, रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी गिरवी रखे गए सोने के लिए लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेशियो को 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक के लिए 90 प्रतिशत कर दिया है। ऐसे में कोविड-19 के चलते पैदा हुई आर्थिक मुश्किलों से उबरने और अपनी तत्काल की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसों का इंतजाम कर रहे लोग गोल्ड लोन के जरिए ज्यादा पूंजी उधार ले रहे हैं। दूसरी ओर, बैंक और एनबीएफसी अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन पर कम ब्याज दर वसूल रहे हैं। इससे भी उधार लेने वालों को फायदा हो रहा है। लेकिन, गोल्ड लोन किस तरह से काम करता है, आइए इसके बारे में आज हम यहां पूरी तरह से जानने की कोशिश करते हैं।

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गोल्ड लोन के लिए एप्लाई करते वक्त आपको अपने सोने के गहने साथ ले जाना जरूरी होता है। हालांकि, इस महामारी के दौर में चीजों को आसान बनाने के लिए कुछ बैंकों और एनबीएफसी ने आपके घर पर ही कंपनी का एग्जिक्यूटिव भेजना शुरू कर दिया है, जो आपके घर पर ही इन गहनों का आकलन करता है। आप बैंक की वेबसाइट पर जाकर सीधे गोल्ड लोन के लिए ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। गोल्ड लोन का आवेदन करने के लिए आपको पहचान पत्र के तौर पर आधार या पैन की जरूरत पड़ेगी। साथ ही एड्रेस प्रूफ के लिए बिजली या टेलीफोन बिल देना होगा। इसके अलावा अपने फोटोग्राफ भी देने होंगे। बैंक अगर कहता है त आपको अपना इनकम प्रूफ भी देना पड़ सकता है।

 

मिनिमम और मैक्सिमम लोन अमाउंट बैंकों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। अगर आप कोटक महिंद्रा बैंक से गोल्ड लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आपको न्यूनतम 20,000 रुपए और अधिकतम 25 लाख रुपए तक मिल सकते हैं। इसी तरह से गोल्ड लोन का टेन्योर 3 महीने से लेकर 36 महीने तक का हो सकता है।

Gold Loans – Agroha Bank

कितना देना पड़ता है शुल्‍क

कुछ बैंक लोन की रकम पर 1.5 प्रतिशत तक प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी लेते हैं। यह रकम आपको लोन की रकम मिलने से पहले चुकानी पड़ती है। बैंक प्रोसेसिंग चार्ज के अलावा वैल्यूएशन फीस भी लेते हैं। मिसाल के तौर पर, एचडीएफसी बैंक 1.50 लाख रुपए तक के लोन के लिए 250 रुपए और 1.5 लाख रुपए से ऊपर के लोन के लिए 500 रुपए चार्ज करता है। वैल्यूएशन फीस ऐसी फीस होती है जिसे बैंक आपके गोल्ड की वैल्यू निकालने के एवज में लेते हैं।

Personal Loan or Gold Loan – IndusInd Bank's iBlogs
आपको सबसे पहली तरजीह किसी सरकारी बैंक को देनी चाहिए क्योंकि इनकी ब्याज दर निजी बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) के मुकाबले काफी कम होती है। मिसाल के तौर पर, एसबीआई और केनरा बैंक जैसे सरकारी बैंक गोल्ड लोन पर क्रमशः 7.50 प्रतिशत और 7.65 प्रतिशत सालाना ब्याज लेते हैं। निजी बैंक 9.90 प्रतिशत से लेकर 11.5 प्रतिशत सालाना तक ब्याज दर वसूलते हैं। मणप्पुरम फाइनेंस, मुथूट फाइनेंस जैसे एनबीएफसी 12 प्रतिशत ब्याज लेते हैं। इनकी ब्‍याज दर घटती मूल राशि पर आधारित होती है।

बैंक और एनबीएफसी सोने की शुद्धता चेक करते हैं। इसके बाद आपके सोने के गहनों की मार्केट वैल्यू लोन के आवेदन की तारीख को सोने के बाजार भाव के आधार पर तय की जाती है। अगर आप सोने के गहने गिरवी रखते हैं तो इसमें केवल सोने के हिस्से का ही आकलन किया जाता है। अन्य मेटल्स, पत्थर और रत्नों को इस आकलन में शामिल नहीं किया जाता है। अगर आप 24 कैरेट गोल्ड सिक्कों को गिरवी रखकर लोन लेते हैं तो ये सिक्के बैंक के द्वारा जारी किए गए होने चाहिए। अगर आपने किसी सुनार के यहां से ये सिक्के खरीदे हैं तो ये मान्य नहीं होंगे। आरबीआई की पॉलिसी के मुताबिक, गोल्ड कॉइन्स का वजन प्रति ग्राहक 50 ग्राम से ज्यादा नहीं हो सकता है।

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किसी कार्यक्रम के लिए सोने के गहनों को आंशिक रूप से रिलीज करने की इजाजत सभी बैंक और एनबीएफसी नहीं देते। आईआईएफएल जैसे कुछ संस्थान ही आपको अपने गोल्ड को आंशिक रूप से लोन की अवधि में इस्तेमाल करने की इजाजत देते हैं। गोल्ड लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपने बैंक के यहां मौजूद इस तरह की सुविधा का पता लगा लीजिए।

Gold loans shine as small businesses, borrowers look for ready cash - The  Hindu BusinessLine

हां, बैंक फोरक्लोजर की इजाजत देते हैं। अगर अकाउंट तीन महीने के भीतर बंद होता है तो बैंक 2 प्रतिशत और जीएसटी का क्लोजर शुल्क आपसे वसूलते हैं। तीन महीने के बाद कोई फोरक्लोजर चार्ज नहीं लगता है।

Gold loan growth: Gold loans record faster growth than other retail loan  products - The Economic Times

अगर आप एक समयबद्ध तरीके से अपने लोन को चुकाने में नाकाम रहते हैं तो बैंक एक फॉलो-अप रिमाइंडर भेजता है और पेनाल्टी के तौर पर लेट पेमेंट फीस लगाता है। ज्यादातर बैंक ब्याज दर के अलावा 2 प्रतिशत सालाना की लेट फीस चार्ज करते हैं। रिमाइंडर्स के बावजूद अगर आप लोन को नहीं चुकाते हैं तो गिरवी रखा गया सोना जब्त किया जा सकता है और बैंक इसकी नीलामी करके अपना बकाया हासिल कर सकता है। इसका आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है।

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