हाथरस कांड पीड़िता के पिता ने लगाए प्रशासन पर गंभीर आरोप
1 min readहाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार के बाद चोटों के चलते दिल्ली के एक अस्पताल में जिंदगी से जंग हारने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की के परिवार ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अपने बयान बार-बार बदलने बदलने को लेकर जिला प्रशासन उन पर दबाव डाल रहा है.
लड़की के पिता ने कहा कि उन पर सरकारी अधिकारी दबाव डाल रहे हैं. उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. लड़की की मंगलवार सुबह मौत हो जाने के बाद देश में व्यापक स्तर पर रोष छाया हुआ है और उत्तर प्रदेश सरकार की तीखी आलोचना की जा रही है.
लड़की के पिता ने दावा किया कि पुलिस थाने जाने के लिये उन पर दबाव डाला गया, जहां जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों ने उनके परिवार के तीन सदस्यों से कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराए. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा ट्विटर पर साझा किये गये लड़की के पिता के एक कथित वीडियो में उन्हें (लड़की के पिता को) यह कहते सुना जा सकता है लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं.
मेरी बेटी के मामले की जांच सीबीआई द्वारा कराई जानी चाहिए और इसकी निगरानी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश करें. हम पर अधिकारियों का दबाव है और हमें हमारे घर में नजरबंद कर दिया गया और मीडिया को हमसे मिलने नहीं दिया जा रहा.
यह घटनाक्रम एक वीडियो के सामने आने के बाद हुआ, जिसमें कथित तौर पर हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने लड़की के पिता से कथित तौर कहा कि क्या वह बयान पर कायम रहना चाहते हैं, या उसे बदलना चाहते हैं, इस बारे में एक बार फिर से सोंचे.
सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो के मुताबिक जिलाधिकारी ने पीड़िता के पिता से कहा आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करिए. मीडिया वाले (के बारे में), मैं आपको बता दूं कि आज अभी आधे चले गये, कल सुबह तक आधे और निकल जाएंगे और… हम ही बस खड़े हैं आपके साथ में, ठीक है. अब आपकी इच्छा है, नहीं बदलना है.
अब ये लोग (प्रशासन) हमें यहां रहने नहीं देंगे. ये डीएम (जिलाधिकारी) ज्यादा ही चालबाजी कर रहे हैं, प्रेशर (दबाव) डाल रहे हैं जबरदस्ती. कह रहें कि तुम लोगों की बातों का भरोसा नहीं है, जबरदस्ती बयान बदल रहे. पापा को बुलवा रहे, कह रहे कि बयान बदलने से तुम्हारी विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी,
हम लोग (प्रशासक) दूसरी जगह (स्थानांतरित होकर) चले जाएंगे. उल्लेखनीय है कि बुधवार को परिवार ने यह आरोप भी लगाया था कि पीड़िता के शव का प्रशासन ने रातोंरात जबरन अंतिम संस्कार कर दिया. कथित सामूहिक बलात्कार की यह घटना पखवाड़े भर पहले हुई थी.