क्या होती है टीआरपी कैसे पता चलता है कितने दर्शकों ने देखा कार्यक्रम:-
1 min readमुंबई पुलिस टीवी चैनलों पर टीआरपी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। मुंबई पुलिस ने कहा कि वह रिपब्लिक सहित 3 चैनलों की जांच कर रही है। पुलिस ने इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आइए जानते हैं क्या होती है टीआरपी, कैसे पता चलता है कितने दर्शकों ने देखा कार्यक्रम टीआरपी का फुलफॉर्म टेलीविजन रेटिंग पॉइंट है। यह एक ऐसा उपकरण है जिससे किसी भी प्रोग्राम या चैनल की लोकप्रियता को समझने में मदद मिलती है।
इससे यह भी पता चल जाता है कि कौन सा प्रोग्राम या टीवी चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। लोग किसी चैनल या प्रोग्राम को कितनी बार और कितने समय के लिए देख रहे हैं, यह पता लगाने में टीआरपी का सहारा लिया जाता है। जिस प्रोग्राम की टीआरपी जितनी ज्यादा होती है उसकी लोकप्रियता उतनी ही अधिक होती है। विज्ञापन कंपनियां भी टीआरपी देखकर ही यह तय करती है कि उसे किस चैनल पर कितनी देर विज्ञापन चलाना है।
टीआरपी को मापने के लिए कुछ जगहों पर पीपलस मीटर लगाए जाते हैं। इन्हीं दर्शकों के आधार पर सारे दर्शक मान लिया जाता है जो TV देख रहे होते हैं। इन मीटर्स की फ्रिक्वेंसी से ये पता लगाता है कि कौन सा प्रोग्राम या चैनल कितनी बार देखा जा रहा है।
इस मीटर के द्वारा एक-एक मिनट की टीवी की जानकारी को इंडियन टेलिविजन ऑडियंस मेजरमेंट तक पहुंचा दिया जाता है। इसके बाद ये टीम पीपलस इस जानकारी का विश्लेषण करने के बाद तय करती है कि किस चैनल या प्रोग्राम की टीआरपी कितनी है।
इसे देखने के लिए एक दर्शक के द्वारा नियमित रूप से देखे जाने वाले प्रोग्राम और समय को लगातार रिकॉर्ड किया जाता है। इस डाटा को 30 से गुना करके प्रोग्राम का एवरेज रिकॉर्ड निकाला जाता है।
हालांकि टीआरपी को लेकर पहले भी विवाद उठते रहे हैं। अभिताभ बच्चन समेत कई बड़े सितारे पहले भी कह चुके हैं कि उन्हें टीआरपी का गणित समझ नहीं आता है।