भतीजी-दामाद के पोस्टमार्टम कक्ष में रखे थे शव, शिक्षक चुनाव ड्यूटी में गम और कर्म के भंवर में फंसा:-
1 min readजिले की बमोरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कल यानी 03 नवंबर को मतदान होगा। सोमवार को जिले में मतदान सामग्री वितरण स्थल पर दो ऐसे मामले सामने आए, जा मानवीय संवेदनाओं को झकझोर रहे थे। एक कर्मचारी कैथेटर (पेशाब की नली) लगाए चुनाव ड्यूटी के लिए बैठा था, तो एक शिक्षक गम और कर्म के भंवर में फंसा बैठा था। दरअसल, शिक्षक की भतीजी व दामाद की सड़क हादसे में मौत हो गई और उनके शव पोस्टमार्टम कक्ष में अपनों का इंतजार कर रहे थे। मजबूरी ऐसी कि शिक्षक चुनावी ड्यूटी छोड़कर न पीएम कराने जा पा रहा था और न ही अपनों को खोने पर दो आंसू बहा पा रहा था।
दरअसल, बमोरी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए सोमवार को पीजी कॉलेज में मतदान दलों को सामग्री का वितरण कर रवाना किया जा रहा था। यहीं एक स्टॉल पर दो कर्मचारी बैठे हुए थे, जिनके चेहरों पर लाचारी के भाव साफ नजर आ रहे थे। इनमें एक लोक निर्माण विभाग में कार्यरत मिश्रीलाल कुशवाह थे, जो कैथेटर लगाए कुर्सी पर बैठे हुए थे। उनसे चर्चा की गई, तो मालूम चला कि 12 अक्टूबर को कोटा में पेशाब रुकने का ऑपरेशन हुआ है। डॉक्टर ने 15 दिन बाद बुलाने के साथ ही आराम की सलाह दी है। इधर, उनकी ड्यूटी बमोरी उपचुनाव में लगा दी गई। चुनावी ड्यूटी की मजबूरी ही थी कि मिश्रीलाल को कैथेटर लगाकर ही मतदान सामग्री वितरण स्थल पर पहुंचना पड़ा। उन्होंने अपनी मजबूरी बताकर ड्यूटी रद्द करने 29 अक्टूबर को आवेदन भी दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
इसी तरह दूसरी कुर्सी पर हाईस्कूल छीपोन में पदस्थ शिक्षक अगस्टीन खेस्स बैठे हुए थे। उन्होंने बताया कि उनकी भतीजी बसंती और दामाद सत्यप्रकाश तिर्की रविवार रात बैरसिया से गमी के कार्यक्रम से बदरवास लौट रहे थे, जिनकी म्याना थानाक्षेत्र में सड़क हादसे में मौत हो गई। दोनों के शव जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष में रखे हुए हैं, लेकिन चुनाव ड्यूटी के चलते उनके पास नहीं जा पा रहा हूं। हालांकि, पीठासीन अधिकारी को परेशानी बता दी है। मतदान सामग्री स्थल पर मौजूद प्रभारी अधिकारी ने इन दोनों की समस्या जानने के बाद उन्हें चुनाव ड्यूटी से मुक्त कर दिया।