अर्थव्यवस्था में तेजी की उम्मीद, सरकार को दूसरी छमाही में पॉजिटिव GDP ग्रोथ का अनुमान:-
1 min readकोरोना काल में संकट के बीच केंद्र सरकार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में पॉजिटिव आर्थिक ग्रोथ का अनुमान है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अक्टूबर से मार्च में पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है. देश में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के बाद के अक्टूबर के आंकड़ों में सुधार देखने को मिला है. कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने अन्य दक्षिण एशियाई देशों की तुलना में बेहतर रफ्तार पकड़ी है. सितंबर महीने में त्योहारी सीजन से ठीक पहले मांग में तेजी आने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है |
वित्तीय घाटे का अनुमान बढ़ा
साथ ही, सरकार को वित्त वर्ष 2021 में वित्तीय घाटा 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके पहले बजट में सरकार ने वित्तीय घाटा 3.5 फीसदी का लक्ष्य रखा था. सरकार की तरफ से इसके बढ़ने का अनुमान इसलिए आया है, क्योंकि अप्रैल से सितंबर यानी इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में वित्तीय घाटा पूरे साल के लिए तय किए लक्ष्य के पार निकल गया है. वित्तीय घाटा बढ़कर 9.14 लाख करोड़ रुपये हो गया है बल्कि पूरे साल का लक्ष्य 8 लाख करोड़ रुपये के करीब था |
बाजार में मांग सुधरने से अक्टॅूबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी बीते 13 साल के टॉप पर पहुंच गई है. आईएचएस मार्किट
मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स अक्टूबर में 58.9 रहा है. अक्टूबर 2007 के बाद यह सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, सितंबर 2020 में यह 56.8 अंक था. यह लगातार तीसरा महीना है जब मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में लगातार ग्रोथ आई है. पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार जबकि 50 अंक से नीचे रहना गिरावट के रुख को दर्शाता है. आर्थिक विकास दर में सुस्ती, निवेश और मांग के मोर्चे पर मौजूदा चुनौतियों के बीच मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में सुधार सकारात्मक संकेत हैं |
अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े में अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत दे रहे. फरवरी 2020 के बाद अक्टूबर में पहली बार जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है. अक्टूबर में कुल जीएसटी कलेक्शन 1,05,155 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. इसमें 19,193 करोड़ रुपये CGST तो 25,411 करोड़ रुपये SGST और 52,540 करोड़ रुपये IGST है. IGST में 23,375 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात से वसूला गया है. सेस के तौर पर 8,011 करोड़ रुपये वसूला गया है, जिसमें 932 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं (Imported Goods) पर लगाए गए सेस से आया है |