May 3, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

शबनम अली-सलीम की फांसी को लेकर निर्भया दोषियों के वकील ने देशवासियों से की यह अपील

1 min read

निर्भया कांड के चारों दोषियों (अक्षय सिंह ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय कुमार और पवन कुमार गुप्ता) को फांसी से बचाने की हरसभंव कोशिश करने वाले सुप्रीम कोर्ट के नामी वकील एपी सिंह ने अमरोहा सामूहिक हत्याकांड में दोषी शबनम और सलीम के ट्रायल को लेकर अहम बयान दिया है।  उन्होंने कहा है- ‘जहां तक सवाल शबनम और सलीम के ट्रायल को लेकर है तो हमारी सर्वोच्च न्यायालय भी मानती है कि कई बार ट्रायल में ऐसी कई खामियां होती हैं, जिसका परिणाम आरोपित को भुगतना पड़ता है। शबनम और सलीम का केस भी इस खामी का शिकार रहा। हमारी जांच, चार्जशीट में खामियां हो सकती हैं। सरकारें इसे दुरुस्त करने का काम कर रही हैं।’

मध्य वर्गीय होते हैं ज्यादातर फांसी पाने वाले

वकील एपी सिंह का कहना है कि अब तक का आंकड़ा तो यही बताता है कि ज्यादातर फांसी पाने वाले मध्य वर्गीय या फिर निचले-गरीब तबके से आते हैं। फांसी की सजा को लेकर उन्होंने कहा कि जब भी किसी दोषी को फांसी की सजा देने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो मेरी नींद उड़ जाती है।

शबनम-सलीम को गलती का अहसास करा ताज को अपनाए देश

निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह का मानना है कि देश के लोगों को फांसी के खिलाफ आगे आना चाहिए। लोगों को सलीम और शबनम के बेटे को भी अपनाना चाहिए। लोग समाज को दिशा देने का काम कर सकते हैं। जेल को सुधार गृह बनाइये न कि फांसी घर।

एक साथ ही होगी शबनम-सलीम को फांसी

यहां पर बता दें कि 13 साल पहले वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी में अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही घर के 7 लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या करने वाली शबनम फांसी की चर्चा जोरों पर है। राष्ट्रपति महोदय रामनाथ कोविंद द्वारा राहत की अर्जी ठुकराए जाने के बाद शबनम को फांसी लगना तय माना जा रहा है, वहीं हत्या की मुख्य वजह बनने वाला प्रेमी सलीम भी आने वाले कुछ महीनों में फांसी के तख्ते पर पहुंच जाए। जानकारों की मानें तो शबनम के बाद सलीम को भी फांसी होगी, इसमें कोई 2 राय नहीं है, क्योंकि दोनों को निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक फांसी की सजा सुना चुका है। यह अलग बात है कि जहां शबनम फांसी के तख्त के करीब है तो वहीं सलीम की कुछ याचिकाएं लंबित हैं, जिनका निबटारा होते ही दोनों को इन जघन्य हत्याकांड के लिए फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा।

यह है पूरा मामला

13 साल पहले 13 दिसंबर 2008 को अमरोहा के बावनखेड़ी में एक परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। शुुरुआत में यह मामला जमीन विवाद का बताया गया था, लेकिन सच्चाई सामने आई तो पूरा देश हिल गया। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि शबनम ने प्रेमी सलीम संग मिलकर परिवार के 7 लोगों की बेरहमी से हत्या की थी। इनमें पिता मास्टर शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस और राशि, भाभी अंजुम और फुफेरी बहन राबिया शामिल थी। इतना ही नहीं, मासूम भतीजे अर्श की गला दबाकर हत्या भी शबनम ने ही की थी। अमरोहा कोर्ट ने 14 जुलाई 2010 को शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की सजा बरकरार रखी।

मथुरा जेल में चल रही फांसी की तैयारी

 

मूलरूप से अमरोहा की रहने वाली शबनम को मथुरा जेल में फांसी देने की तैयारी जारी है। हालांकि, जमीनी हकीकत की बात करें शबनम की फांसी को लेकर चर्चा जोरों पर है, लेकिन उसे फांसी होती नजर नहीं आ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि एक ही मामले में दोषियों को एक साथ फांसी देने का प्राविधान है।

यह भी जानें

  • शबनम देश की पहली महिला हो सकती है जिसे फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।
  • निर्भया केस के चारों दोषियों की फांसी के बाद शबनम की फांसी का मामला सबसे ज्यादा सुर्खियों में है।
  • सलीम और शबनम के बेटे ताज ने राष्ट्रपति के पास याचिका दी है कि उसकी मां को फांसी की सजा से माफ कर दिया जाए।
loading...

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.