सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया व एयरटेल को झटका
1 min readकोर्ट ने कहा था कि इन कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का भुगतान करना होगा, जिसके बाद टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। लेकिन अब वोडाफोन आइडिया की एजीआर संबंधी 44,200 करोड़ रुपये की देनदारी में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे कंपनी को अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी। साथ ही वोडाफोन आइडिया की बैलेंस शीट पर भी दबाव बढ़ेगा।
लंबे समय से चल रहा था विवाद
बता दें कि इस मुद्दे को लेकर दूरसंचार विभाग और टेलीकॉम कंपनियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। मार्केट एनालिस्ट्स ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट के ऐसी देनदारी की गणना के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मेथड के आधार पर यह बात कही है। अगर वोडाफोन आइडिया की एजीआर में और बढ़ोतरी होती है, तो कंपनी की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
कंपनी ने दिया 44,200 करोड़ की देनदारी का अनुमान
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने बताया है कि वोडाफोन आइडिया ने एजीआर संबंधित 44,200 करोड़ रुपये की देनदारी का अनुमान दिया था। इसमें एनालिस्ट कॉल में ब्याज और जुर्माना शामिल है। वोडाफोन आइडिया का यह अनुमान 18 फीसदी और 12.5 फीसदी के डिफरेंशल रेट्स पर आधारित था।
देनदारी में हो सकती है बढ़ोतरी
इस एजीआर संबंधित देनदारी में बढ़ोतरी हो सकती है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि कंपनी ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से मिले नोटिस के आधार पर एजीआर की मूल रकम के 11,100 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। वहीं, पिछले 2-3 साल का अनुमान कंपनी ने खुद लगाया है। ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस के अनुसार, वोडाफोन आइडिया की एजीआर संबंधित देनदारी 54,200 करोड़ रुपये रह सकती है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनी को 10,100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोविजनिंग एजीआर के लिए करनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को तीन महीने के अंदर इस रकम का भुगतान करने का आदेश दिया है।
कंपनी को हुआ 50,921 करोड़ का घाटा
वोडाफोन आइडिया को दूसरी तिमाही में 50, 921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इससे पहले पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी को 4,947 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। यह भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में अभी तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा है।
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