April 27, 2024

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उत्तराखंड: STF और पुलिस टीम ने जंगल से हथियार किये बरामद, यूपी से नेपाल तक होती थी सप्लाई

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कुख्यात इनामी बदमाश गुरदीप सिंह दीपा की निशानदेही पर एसटीएफ और नानकमत्ता पुलिस की टीम ने जंगल में हथियार बरामद किये हैं। ये हथियार यूपी, उत्तराखंड, नेपाल में बेचे जाते थे। हंसपुर खत्ता में जिस जगह दीपा और उसके साथी हथियार बनाते थे, वह घने जंगल में आठ किलोमीटर अंदर है। उत्तराखंड एसटीएफ और नानकमत्ता-खटीमा पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार को हत्या, अपहरण, लूट, डकैती, सुपारी किलिंग के कई मामलों में वांछित गुरदीप सिंह दीपा और उसके दो साथियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था।

दीपा पर दस हजार का इनाम घोषित था। उसके पास से एक पिस्तौल, बारह बोर की दो बंदूक और कारतूस बरामद किए थे। पूछताछ में दीपा ने हंसपुर खत्ता के जंगल में हथियार बनाने की फैक्ट्री का जिक्र किया था। शनिवार देर रात पुलिस की एक टीम दीपा के बताये स्थान पर पहुंची। मौके पर दो बंदूक, 1 तमंचा, बेल्ट में लगे 21 कारतूस, बंदूक की नाल बनाने के लिये रखी लोहे की 30 रॉड, हथियार बनाने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण पंखा, हथौड़ा आदि बरामद हुए। एसओ कमलेश भट्ट ने बताया कि दीपा हथियार बनाने में माहिर है। उसके बनाये हथियार ऊंचे दामों पर यूपी, उत्तराखंड, नेपाल में बिकते थे। बताया कि हथियार बनाने के मामले में दीपा पर एक और मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

कांबिंग के बाद भी चल रही थी हथियारों की फैक्ट्री
वन विभाग और पुलिस टीम की संयुक्त टीम जंगलों में कांबिंग समय-समय पर करती रहती है। हंसपुर, रनसाली रेंज में कुछ साल पहले माओवादियों की गतिविधियां मिली थी। इसके बाद से ये जंगल संवेदनशील माने जाते रहे हैं। इन जंगलों में वन विभाग की नियमित गश्त होती रहती है। इसके बाबजूद जंगल में टैंट लगाकर दीपा हथियार फैक्ट्री चला रहा था। इससे गश्त पर सवाल उठने लगे हैं। एसटीएफ के जंगल में लगाये कैमरों में दीपा और उसके साथियों की लोकेशन ट्रेस होने के बाद संयुक्त टीम ने उसे पकड़ा। लेकिन, वन विभाग को उसकी गतिविधियों का पता नहीं लगने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उधर, पुलिस सूत्रों की मानें तो क्षेत्र के ग्रामीणों को फैक्ट्री की जानकारी होने की संभावना है, लेकिन माना जा रहा है कि दीपा के खौफ के चलते वे इसे लेकर चुप्पी साधे रहे।

संगीन मामलों में वांछित रहा दीपा
गुरदीप सिंह दीपा संगीन अपराधों में वांछित रहा है। एसओ कमलेश भट्ट के अनुसार वर्ष 2002 में धारा 307 सहित तीन मुकदमे, वर्ष 2019 में डकैती समेत चार मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज हुये। वर्ष 2020 में दीपा को गैंगस्टर में निरुद्ध किया गया। हत्या के मामले में आजीवन कारावास और जानलेवा हमले में सात वर्ष की सजा सुनायी गयी थी। 1996 में तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा काट चुका है। वर्तमान में दीपा वर्ष 2019 में दर्ज मुकदमा की धारा 452, 354, 504, 506 और वर्ष 2019 के मुकदमे डकैती, अपहरण में वांछित चल रहा था। पुलिस की ओर से 10 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
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