राजधानी दिल्ली में कोरोना ने किया दूसरी बार तांडव अब होगी बस स्टैंड पर राज्य में आने वाले यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग
1 min readदिल्ली में कोरोना संक्रमण मामलों के बीच फैसला लिया गया है कि राज्य में आने वाले यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग की जा सकती है और संक्रमित पाए जाने पर 10 दिनों का अनिवार्य क्वारंटीन होगा.
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के एक आदेश में कहा गया है कि रैंडम टेस्टिंग दिल्ली हवाई अड्डे, सभी रेलवे स्टेशनों, राष्ट्रीय राजधानी बस अड्डों और राष्ट्रीय राजधानी में अन्य जगहों पर होंगे.
सैंपलिंग के बाद यात्रियों को बाहर निकलने की अनुमति होगी, लेकिन संक्रमित पाए जाने वाले यात्रियों को घर पर या अस्पताल में 10 दिनों के लिए क्वारंटीन रहना होगा.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस के 992 नए मामले आए और नमूनों के संक्रमित आने की दर 2.70 फीसदी रही. अधिकारियों ने कहा कि होली की वजह से सोमवार को कम नमूनों की जांच हुई जिस वजह से संक्रमण के मामलों की संख्या कम है. दिल्ली में सोमवार को 1904 नए मामले आए थे जो बीते साढ़े तीन महीने में एक दिन में हुई सर्वाधिक बढ़ोतरी थी.
दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के कुछ अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित बेडों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया दिल्ली में कोविड की स्थिति के मद्देनजर, कोविड मरीजों के लिए आरक्षित सामान्य और आईसीयू बेडों की संख्या कुछ अस्पतालों में बढ़ाई जा रही है. यह उपलब्धता में सुधार करेगा. हम करीब से निगाह रख रहे हैं और जरूरी कदम उठाएंगे. चिंता की कोई बात नहीं है. कृपया सभी उपायों का पालन करें
इस बीच दिल्ली के 14 निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित आईसीयू बेड भर गए हैं. सरकार की ‘दिल्ली कोरोना’ ऐप के मुताबिक, सरकारी और निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर से लैस 787 आईसीयू बेड हैं जिनमें से मंगलवार शाम छह बजे तक 278 भर गए हैं. इसी के साथ, बिना वेंटिलेटर वाले 1229 कोविड-19 आईसीयू बेडों में से 379 भर गए हैं.
रोहिणी स्थित श्री अग्रसेन इंटरनेशल हॉस्पिटल (15 आईसीयू बेड) व जयपुर गोल्डन अस्पताल (छह आईसीयू बेड), शालीमार बाग स्थित मैक्स एसएस अस्पताल (पांच आईसीयू बेड) और फोर्टिस अस्पताल (पांच आईसीयू बेड) उन निजी अस्पतालों में शामिल हैं जहां वेंटिलेटर से लैस एक भी आईसीयू बेड खाली नहीं है.