May 2, 2024

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कल यानि 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे है आयकर के ये 6 नए नियम

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मार्च का महीना हमेशा ही बेहद अहम माना जाता है, क्योंकि इस महीने की आखिरी तारीख को वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाता है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021 पेश करते हुए

आयकर नियमों में बदलाव की घोषणा की थी. ये बदलाव कल से यानी 1 अप्रैल 2021 से लागू होने वाले हैं. आइए डालते हैं फरवरी में केंद्रीय बजट में घोषित बदलावों पर एक नज़र, जो कल से लागू होंगे.

एक अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो रहा है. नए वित्त वर्ष में कई नियम चेंज हो जाएंगे, जिनके बदलने से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर होगा. टैक्स से लेकर बैंकों के मर्जर तक सभी चीजों में बड़ा फेरबदल होगा. जिनका सीधा असर आम आदमी पर पड़ने वाला है.

केंद्र सरकार आईटीआर फाइलिंग को बढ़ावा दे रही है. सरकार ने नया नियम बनाया है कि जो भी लोग ITR फाइल नहीं करेंगे उनको डबल टीडीएस देना होगा. सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 206AB को जोड़ दिया है.

इस सेक्शन के मुताबिक, अब ITR फाइल नहीं करने पर 1 अप्रैल, 2021 से दोगुना TDS देना होगा. आपको बता दें नए नियमों के मुताबिक, 1 जुलाई 2021 से पीनल TDS और TCL दरें 10-20 फीसदी होंगी जो कि आमतौर पर 5-10 फीसदी होती हैं. ITR दाखिल नहीं करने वालों के लिए TDS और TCS की दर, 5 फीसदी या तय दर, जो भी ज्यादा हो, उससे दोगुनी हो जाएगी.

बजट 2020-21 में सरकार ने वैकल्पिक दरों और स्लैब के साथ एक नई आयकर व्यवस्था शुरू की, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष से प्रभावी हो जाएगी. नई कर व्यवस्था में कोई छूट और कटौती का लाभ नहीं मिलेगा.

हालांकि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक है यानी करदाता चाहे तो वह पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से भी आयकर अदा कर सकता है. वहीं नए कर प्रस्ताव के तहत 5 लाख रुपये सालाना आय वाले को कोई कर नहीं देना है.

बजट में वित्तमंत्री ने ऐलान किया था कि 75 साल से ज्यादा के लोगों को टैक्स से राहत दी गई है. यानी 1 अप्रैल 2021 से 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को टैक्स फाइल नहीं करना होगा. बता दें यह छूट उन सीनियर सिटीजंस को दी गई है जो पेंशन या फिर फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर आश्रित हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में घोषणा की कि पीएफ अकाउंट में साल भर में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश पर करने पर उसका ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा. इसका मतलब यह है कि एक वित्त वर्ष में आपको प्रॉविडेंट फंड में सिर्फ 2.5 लाख रुपये के योगदान पर ही टैक्स छूट का लाभ मिलेगा.

यह केवल एंप्लॉयीज के कंट्रीब्यूशन पर लागू होगा, एंप्लॉयर (कंपनी) के योगदान पर नहीं. दरअसल, पीएफ में ज्यादा पैसा जमा कर कर्मचारी टैक्स बचाते आएं क्योंकि अभी तक पीएफ का ब्याज को टैक्स के दायरे से बाहर था.

व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स को पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न दिए जाएंगे. टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए, पहले से ही आयकर रिटर्न में वेतन आय, कर भुगतान, टीडीएस

आदि डिटेल्स पहले से भरी हुई होंगी. रिटर्न दाखिल करने में आसानी के लिए, लिस्टेड सिक्योरिटीज से capital gains, डिविडेंड इनकम, और बैंकों, डाकघर से ब्याज आदि का डिटेल्स भी पहले से भरना होगा.

एलटीसी कैश वाउचर स्‍कीम के तहत टैक्‍स बेनिफिट लेने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2021 है. टैक्सपेयर को फायदा प्राप्त करने के लिए 31 मार्च तक अपने संस्‍थान को जरूरी बिल जमा करने होंगे.

बिल में जीएसटी की रकम और वेंडर का जीएसटी नंबर होना जरूरी है. एलटीसी कैश वाउचर स्‍कीम के तहत लाभ लेने के लिए कर्मचारी को एलटीए किराए की तीन गुना रकम 12 फीसदी और उससे ज्यादा जीएसटी वाली सेवाओं या सामान में खर्च करनी है.

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