April 23, 2024

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तमिलनाड़ु के थुथुकुडी जिले में शुरू हुआ डिजिटल वाटर kiosk

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तमिलनाड़ु के थुथुकुडी जिले की दो ग्राम पंचायतें अब स्वच्छ पेयजल का उपयोग कर रही हैं. दरअसल यहां डिजिटल वॉटर Kiosk शुरू किया गया है. इसके लिए ये ग्राम पंचायतें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास और भारतीय तेल निगम द्वारा की गई इस पहल का धन्यवाद कर रही हैं.

इस पहल के बाद ग्रामीण अब नाममात्र का भुगतान कर कार्ड स्वाइप के जरिए पीने का पानी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही इन ग्रामीणों को वॉटर प्लान के लिए भी ट्रेंड किया जा रहा है.

गौरतलब है कि वेप्पलोदई में महिलाएं पीने के योग्य पानी की तलाश में कई मील की दूरी तय करती थीं. वहीं इस पहल के परिणामस्वरूप लगभग 5,000 परिवारों को राहत मिली है और उन्हें स्वच्छ पानी मिल पा रहा है.

वहीं पंचायत अध्यक्ष वेलकानी के पति बालासुब्रमण्यम ने कहा कि उनके गांव में भूजल पीने योग्य नहीं था. उन्होंने कहा कि, “हमारे पास कुछ वॉटरबॉडी हैं, लेकिन पानी अच्छा नहीं है.

लेकिन पिछले तीन महीने से हमें अच्छा पीने का पानी मिल रहा है. हमने बोरवेल इंस्टॉल किया है और पानी को टैंक में पंप किया गया है. नया प्लांट पानी को फिल्टर करता है

और हम इसे पीने के लिए इस्तेमाल करत हैं उन्होंने बताया कि उनके गांव में पहले पानी पीने योग्य नहीं था इस कारण कई लोगों को गुर्दे की पथरी की बीमारी का शिकार होना पड़ा.

उन्होंने बताया कि प्लांट सौर ऊर्जा पर चलाया जाता है और ग्रामीण एक दिन में 300 से 400 बर्तन भर सकते हैं. उन्होंने कहा कि “वे हमें एक यूनिट देने जा रहे हैं. लेकिन हम पूरी आबादी की सेवा के लिए कम से कम दो और यूनिट चाहते हैं.

वहीं पंचायत सचिव कर्कुवेल ने कहा वेदपट्टी में एक ऐसा ही प्लांट इंस्टॉल किया गया है. प्लांट तैयार है लेकिन चुनावों की घोषणा हो चुकी है इस वजह से इसे चालू नहीं किया जा सका है.

गौतलब है कि 500 परिवार और 2000 के करीब जनसंख्या वैपर नदी के पानी पर निर्भर करती है. कर्कुवेल ने ये भी कहा कि हम अपनी पंचायत में बोरवेल के पानी पर निर्भर हैं.

फ़िल्टर्ड पानी स्वादिष्ट है. उन्होंने कहा है कि हम एक कार्ड स्वाइप करके पानी ले सकते हैं. एक बर्तन की कीमत 4 रुपये होगी और यह एक सौर संयंत्र है जो बिजली कटौती के दौरान भी चलेगा. वहीं उन्होंने कहा कि यह पड़ोसी गांवों विरुथमपट्टी, मामूनैयार और नेदुंकुलम को भी मदद करेगा.

वहीं इंटरनेशनल सेंटर फॉर क्लीन वॉटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ई नंदकुमार ने कहा कि रामनाथपुरम जिले में थूथुकुडी जिले और वगीकुलम में तीन पीने के पानी के खोखे लगाए गए थे.

Digital water Kiosk started in this district of Tamil Nadu, swipe cards to get potable water

ये ICCW IIT-Madras की एक पहल थी. जिसके बाद केंद्र ने IOC और InnoDI टेक्नोलॉजीज के फंड के साथ कैपेसिटिव डे-आयनाइजेशन यूनिटों को स्थापित किया.

नंदकुमार ने ये भी बताया कि रिवर्स ऑस्मोसिस तकनीक के उल्ट, जो केवल 50-60% पानी को रिकवर करती है, सीडीआई ने पानी को बचाने और कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिजों को बनाए रखने के लिए एक स्थायी विकल्प प्रदान किया है. इसे ऑपरेट करने और इसकी मेंटेनेंस पर कम खर्चा आता है साथ ही इसमें उर्जा भी कम ही खर्च होती है.

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