December 19, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान जगन्नाथ की मंगल आरती में लिया हिस्सा

1 min read

भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथ यात्रा आज जमालपुर क्षेत्र में स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर से निकाली जाएगी. आज रथ यात्रा की शुरुआत से पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंदिर में मंगल आरती में हिस्सा लिया.

रथ यात्रा में सीमित संख्या में कुछ निश्चित लोगों को ही हिस्सा लेने की अनुमति होगी और इस दौरान कोरोना वायरस संबंधी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा.

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रथ यात्रा में केवल तीन रथों और दो अन्य गाड़ियों के अलावा किसी भी प्रकार के वाहन को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं है. इस बार रथ यात्रा के दौरान गायन मंडली, अखाड़े, हाथी या सजे हुए ट्रकों को अनुमति नहीं दी जाएगी.

‘इस बार यात्रा को चार से पांच घंटे में पूरी करने की योजना बनाई गई है. रथ यात्रा के मार्ग में लोग एकत्र न हों , इसके लिए पूरे मार्ग पर सुबह से लेकर दोपहर तक कर्फ्यू लागू किया जाएगा.

सारसपुर में इस बार भोजनावकाश के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र नहीं होंगे. दोपहर में रथ यात्रा के गुजरने के साथ ही मार्ग में पड़ने वाले इलाकों से कर्फ्यू हटता जाएगा.

परंपरा के मुताबिक हर बार की तरह खलासी समुदाय के युवा ही भगवान जगन्नाथ समेत तीनों रथों को खीचेंगे. इस बार केवल 60 युवाओं को ही रथों को खींचने की अनुमति दी गई है, जिसमें से 20-20 युवा प्रत्येक रथ को खींचेंगे.

रथ यात्रा में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा कोरोना टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. रथ यात्रा में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना होगा और साथ ही शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन करना होगा.

पिछले साल कोरोना महामारी के मद्देनजर गुजरात हाईकोर्ट ने रथ यात्रा को निकालने की अनुमति प्रदान नहीं की थी, जिसके बाद जमालपुर क्षेत्र में स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में प्रतीकात्मक रूप से ही रथ यात्रा का आयोजन किया गया था. पारंपरिक रूप से रथ यात्रा सुबह सात बजे भगवान जगन्नाथ के मंदिर से रवाना होती है और रात आठ बजे तक वापस 400 वर्ष पुराने मंदिर में आ जाती है.

कोरोना महामारी से पहले विश्व प्रसिद्ध इस रथ यात्रा में प्रत्येक वर्ष लाखों लोग हिस्सा लिया करते थे. करीब 100 ट्रकों पर मौजूद झांकियों तथा सजे-धजे हाथियों की एक झलक पाने के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बनता था.

करीब 12 घंटे की अवधि के दौरान यह रथ यात्रा 19 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वापस भगवान जगन्नाथ के मंदिर में लौट आती है. इस दौरान रथ यात्रा एक घंटे के लिए रुकती भी है.

loading...
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.