May 8, 2024

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खबर ग्वालियर:- जानिए कौन है सरला त्रिपाठी? पढ़िए पूरी खबर और जाने उनके बारे में !

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कई संस्थाओं के लिए मार्गदर्शक की भूमिका में रहती हैं। गांधी नगर, ग्वालियर निवासी सरला त्रिपाठी के पति स्व. विष्णुबल्भव त्रिपाठी एजी (अकाउंटेंट जनरल ऑफ इंडिया) ऑफिस के कर्मचारी थे। सरला त्रिपाठी शुरुआत से ही समाज सेवा से जुड़ी रहीं और ग्वालियर में चर्चित रहीं। लेकिन देश में उनको पहचान हाल ही में (दीपावली के दिन) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात (रेडियो कार्यक्रम) में जिक्रहोने पर मिली। मन की बात में पीएम ने उनके 27 साल से लगातार ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को पानी पिलाने के सेवाभाव की सराहना की।

 मन में समाज सेवा करने का जच्बा हो तो 94 साल की उम्र भी छोटी नजर आती है। कुछ समय पूर्व ग्वालियर में मिलने वाला मदर टेरेसा सम्मान भी सरला त्रिपाठी को मिल चुका है। पीएम से मिली तारीफ के बाद उनका उत्साह दोगुना है और क्षेत्र में पहले से अधिक चर्चित हो गईं हैं। वर्ष 1993 की बात है सरला त्रिपाठी एक सफर से लौटी थीं। उनका यह सफर गर्मी के दिनों में था। उस दौरान उन्होंने महसूस किया कि रेलवे स्टेशन पर पेयजल को लेकर बड़ी समस्या थी। गर्मी में पानी की समस्या रहती थी।

इसके बाद ट्रेन छूटने के डर से यात्री उतर भी नहीं पाते थे। उसके ठीक अगले दिन वह ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंचीं। यहां पंजाबी परिषद पानी पिलाने की सेवा करता था। सरला त्रिपाठी ने उसी दिन से जन सेवा का ऐसा कार्य शुरू किया कि वह आज 94 साल की होने के बाद भी लगातार उसे कर रही हैं। पंजाबी परिषद के कई अध्यक्ष इन 27 सालों में बदले, सदस्य आए और गए, लेकिन सरला त्रिपाठी वहीं हैं और निस्वार्थ सेवा कर रही हैं।

जब इस संबंध में सरला त्रिपाठी से बात की तो उनका कहना था कि यात्रियों को उनकी सीट पर पहुंचकर पानी पिलाकर सुकून मिलता है। लगता है कि उनकी जिंदगी किसी के काम आ सकी। जब प्रधानमंत्री ने मन की बात में उनका नाम लिया तो लगा मानो 94 साल की उम्र से वह वापस 25 वर्ष की हो गईं। अब वह दोगुने जच्बे के साथ फिर काम कर रही हैं। हां, श्रीमति त्रिपाठी का एक और लक्ष्य है। वह चाहती हैं कि वह मानसरोवर यात्र को इस उम्र में पूर्ण करें।

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