ISRO के PSLV ने मनवाया लोहा, कमाई के मामले में बनाए रिकॉर्ड,
1 min readभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के रॉकेट पीएसएलवी ने स्पेस के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है। इस सीरीज के रॉकेटों ने कमाई के मामले में नए कीर्तिमान बनाए हैं। इसरो ने अब तक 33 देशों के 319 उपग्रहों को स्पेस में भेजा है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कोरिया, कनाडा, जर्मनी, बेल्जियम, इटली, फिनलैंड, इजराइल जैसे देश शामिल हैं। कमाई के मामले में रिकॉर्ड बनाने के बाद अब इसरो ने एक नई योजना पर काम शुरू कर दिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, इसरो (ISRO) लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (Small Satellite Launch Vehicle (SSLV) का विकास कर रहा है। इस परियोजना के लिए सरकार को संसद से 11.97 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है। एसएसएलवी का विकास स्माल कॉमर्शियल सेटेलाइटों को धरती की निचली कक्षा में स्थापित करने के मकसद से किया जा रहा है। इस सीरीज के एक रॉकेट की अनुमानित लागत 30 करोड़ रुपये है। इसकी पहली उड़ान साल 2020 की शुरुआत तक होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि देश के सबसे बड़े रॉकेट (PSLV) ने दूसरे मुल्कों के उपग्रहों के प्रक्षेपण के जरिए साल 2017-18 में 232.56 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा की कमाई की थी जिसमें वित्तीय वर्ष 2018-19 में भारी इजाफा हुआ है। इस सत्र में यह कमाई 90 करोड़ रुपये बढ़कर 324 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इसरो ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान 26 देशों के उपग्रहों की लॉन्चिंग की थी। इससे इसरो ने 1,245 करोड़ रुपये कमाए थे। वित्तीय वर्ष 2016-17 में इसरो ने विदेशी उपग्रहों की लॉन्चिंग करके 208 करोड़ रुपये, 2015-16 में 227 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2014-15 में 252 करोड़ रुपये की कमाई की थी।