विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष पर हावी रही सरकार, जानिए क्या कुछ हुआ
1 min readकुल मिलाकर छह दिन तक चले शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने मुद्दों पर कई बार सरकार पर वार करने के प्रयास कर माहौल गर्म करने का प्रयास किया, लेकिन सरकार के पलटवार से विपक्ष के तरकश से निकले तीर निशाने पर लगने ही नहीं दिए और माहौल में ठंडक ही रही।
बात इतनी बढ़ गई कि विपक्ष ने सदन की परंपरा को लांघ दिया और विस अध्यक्ष पर ही आरोपों की झड़ी लगाते हुए उपचुनाव में प्रचार का आरोप जड़ दिया। विपक्ष की इस अव्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने नसीहत दे डाली कि विपक्ष याद रखे कि वे हिमाचल विधानसभा सदन के सदस्य हैं।
पहले दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अपने एजेंडे के मुताबिक ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। उनका प्रयास नियमों के विपरीत था, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ने भी व्यवस्था नहीं दी। कोशिश विफल होते दिखी तो विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। इन्वेस्टर्स मीट का प्रहार निशाने पर नहीं लगा तो विपक्ष के सदस्य प्याज के बढ़ते दाम एवं महंगाई के खिलाफ गले में प्याज की मालाएं पहनकर सदन में पहुंचे।
सत्र के पहले ही दिन नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को मुख्य गेट से प्रवेश नहीं दिया। मुख्य गेट से उन्हें रोकना सही भी था क्योंकि यहां से प्रवेश की अनुमति सिर्फ राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को ही होती है। इस पर मुकेश ने हंगामा कर दिया और धरने पर बैठ गए।