देशभर में विरोध के बीच जोरों से असम में क्रिसमस की तैयारियां चल रही है .
1 min readनवगठित नागरिकता कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न से भाग रहे हिंदुओं, सिखों, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रयास करता है। नागरिकता उन्ही लोगों को दी जाएगी जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में आए थे।
बाजार में सामान खरीदने आए प्रमोद सैकिया ने कहा कि हमने क्रिसमस के लिए कुछ तैयारियां की हैं लेकिन निश्चित रूप से यह संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध के कारण प्रभावित हुआ है। इसलिए, मैं बस यही चाहता हूं कि यह क्रिसमस लोगों के जीवन में खुशियां और शांति लाए।
दुकानदार धनजीत पाठक ने कहा कि विरोध के कारण इस साल की प्रतिक्रिया पिछले वर्षों की तुलना में कम है। हालांकि, विरोध के बाद भी लोग क्रिसमस की खरीदारी के लिए निकले हैं। 25 दिसंबर को यीशु मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में गुवाहाटी के चर्चों को बड़े ही सुंदर सामानों रोशनियों और पेड़ों से सजाया गया है।
नागरिकता कोनून को लेकर देशभर में प्रदर्शन किया जा रहा है। कई हिस्सों में प्रदर्शन उग्र हो गए साथ ही कही जगहों पर शांती के साथ सरकार तक लोगों ने अपनी बात पहुंचाई। असम के गुवाहाटी में लतासिल प्लेग्राउंड में महिलाओं ने नागरिकता कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने नारेबाजी भी की।