April 20, 2024

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Christmas के अलावा अटल और मालवीय जैसे बड़े नामों के लिए भी जाना जाता है 25 दिसंबर.

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1886 में कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में उन्होंने भाषण दिया जिसे लोगों ने काफी सराहा। यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। चार बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। कई अखबारों का संपादन किया और वकालत भी की। देश के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में शामिल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की 1916 में स्थापना की। 12 नवंबर, 1946 को 84 साल की उम्र में देहांत हो गया। 2015 में भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक के रूप में मशहूर महामना मदनमोहन मालवीय का जन्म 1861 में आज ही इलाहाबाद में हुआ था। जब गुलाम भारत आजादी के सपने देख रहा था तो इस राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् ने ज्ञान की अलख जगाई। महात्मा गांधी इन्हें अपने बड़े भाई समान मानते थे। 

तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल जी ने 1999 में पाकिस्तान की सेना और आतंकवादियों द्वारा कारगिल की चोटियों पर कब्जा किए जाने के बाद जून में ऑपरेशन विजय को हरी झंडी दी। तमाम प्रतिबंधों के बावजूद 1998 में पोखरण परीक्षण कराकर खुद को साहसी और सशक्त नेता के तौर पर स्थापित किया। 

1951 में बनीं जनसंघ पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक रहे। 1975 में लगी इमरजेंसी के दौरान जेल गए। 1977 में विदेश मंत्री होने के नाते उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया। ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय नेता थे। वे वीर रस के कवि थे। उनकी कविताएं निराशा और अंधकार में उम्मीद और रोशनी की लौ जलाती हैं।

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