करदाताओं की GST से जुड़ी सभी समस्याओं के निपटारे के लिए गठित होगी समिति।
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केंद्र व राज्य सरकार के कर विभाग के अधिकारियों के साथ ही कारोबार व उद्योग जगत या दूसरे जीएसटी करदाताओं के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे ताकि पारदर्शी तरीके से हर मामले का निपटारा हो सके।जोनल व राज्य के स्तर पर जो समिति बनेगी उसमें दो मुखिया होंगे।
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समिति में उद्योगों या दूसरे संघों के 12 सदस्य शामिल किए जाएंगे। साथ ही चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि भी शामिल किए जाएंगे। इसमें केंद्रीय कर व राज्य कर के नोडल अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।
केंद्र व राज्य के चीफ कमिश्नर या प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर मिलकर शिकायत निवारण समिति का नए सिरे से गठन करेंगे। जीआरसी दो वर्षो के लिए गठित होगा। बैठक में तीन लगातार बार शामिल नहीं होने वाले सदस्य की सदस्यता समाप्त मानी जाएगी। उसकी जगह दूसरे व्यक्ति को नामित किया जाएगा।
जीआरसी को करदाताओं से जुड़ी हर तरह की समस्या का समाधान निकालने का अधिकार दिया गया है। इसमें प्रक्रियागत समस्या हो, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी हो या फिर किसी खास किस्म की हो, समिति सभी पर विचार कर उनका समाधान निकाल सकती है।