अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध जैसे हालात
1 min readनई दिल्ली : ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध जैसे हालात बनते जा रहे हैं. ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को बार-बार हमला न करने की चेतावनी दे रहे हैं. आप सोच रहे होंगे कि कि युद्ध हुआ तो बड़ा नुकसान ईरान का होगा। इस युद्ध में अमेरिका का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस युद्ध में केवल नुकसान ईरान का ही है। ऐसा नहीं है कि इस युद्ध में अमेरिका और उसके मित्र देशों का भी भारी नुकसान होगा। इराक से लेकर ओमान तक यानी पूरे खाड़ी देशों में हजारों अमेरिकी सैनिकों का जमावड़ा है। अगर अमेरिका ने ईरान पर सीधा हमला किया तो उसके हजारों अमेरिकी सैनिकों को बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा। ईरान के पास एेसी मिसाइलें और दूसरे हथियार हैं, जो अगर ईरान ने अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ इस्तेमाल किया तो अमेरिकी सैनिकों को भारी नुकसान हो सकता है। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। केवल इराक़ में ही पांच हजार सैनिकों की तैनाती है। जाहिर है ईरान की नजर इन पांच हजार सैनिकों पर होगी । यह आशंका इसलिए प्रबल है क्योंकि अतीत में ईरान और उसके समर्थकों ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर ऐसा किया है।
इसके अलावा कई खाड़ी देशों में अमेरिका के पोर्ट, हार्बर और जंगी जहाजों की तैनाती है। ऐसे में ईरानी मिसाइल का निशाना ये अमेरिकी केंद्र भी हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो इस युद्ध का असर व्यापक होगा। यही वजह है कि सऊदी अरब और अरब अमीरात जैसे देश सहमे और डरे हुए हैं। इसके अलावा इसका असर यहां की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। इसलिए अमेरिका चाहे युद्ध की कितनी ही धमकी दे, लेकिन ईरान के साथ सीधे जंग लड़ना उसके लिए एक बड़ी समस्या का न्यौता देने जैसा है। यही वजह है कि अमरीका और ईरान की लड़ाई तेज़ होती जा रही है, लेकिन अमरीका सीधे तौर पर ईरान पर हमला करने से बच रहा है।
अमेरिका-ईरान में युद्ध छिड़ा तो किसका साथ देगा पाकिस्तान? सेना ने किया खुलासा
रान के कुद्स फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध जैसे हालात बनते जा रहे हैं. ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को बार-बार हमला न करने की चेतावनी दे रहे हैं. इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि अगर अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध छिड़ा तो पाकिस्तान के किसके साथ खड़ा होगा? इसको लेकर पाकिस्तान ने कहा कि वह किसी भी देश को युद्ध के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देगा.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने रविवार को पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति स्थापित करने में सकारात्मक भूमिका निभाएगा और किसी के भी खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल किए जाने की अनुमति नहीं देगा.’ आसिफ गफूर ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा की भी यही रहा है.
पाक आर्मी प्रवक्ता ने कहा कि पीएम इमरान खान का भी यही कहना है कि पाकिस्तान किसी का और किसी के लिए पक्षकार नहीं बनेगा, लेकिन वह शांति के लिए सहयोगी बनेगा.