December 15, 2024

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कश्मीर पर SC के फैसले से साफ ,इंटरनेट बैन-धारा 144 पर नहीं चलेगी सरकारी मनमर्जी

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नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान खत्म करने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों की एक हफ्ते के अंदर समीक्षा करने को कहा है। कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बैंकिंग, अस्पताल, शिक्षण संस्थानों समेत सभी जरूरी सेवाएं देने वाले संस्थानों में इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि इंटरनेट को सरकार अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं कर सकती। कोर्ट ने इंटरनेट के इस्तेमाल को अभिव्यक्ति के अधिकार का हिस्सा माना है।

इंटरनेट पर पाबंदी और लंबे समय तक धारा 144 लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में इंटरनेट बैन और अन्य तरह की पाबंदियों के मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि बिना वजह पूरी तरह इंटरनेट पर रोक नहीं लगा सकते. कोर्ट ने कहा, ‘लंबे वक्त तक इंटरनेट पर पाबंदी नहीं लगाया जा सकता. पाबंदियों की कोई पुख्ता वजह का होना जरूरी है. इंटरनेट लोगों की अभिव्यक्ति का अधिकार है. यह आर्टिकल 19 के तहत आता है.’ इसके अलावा कोर्ट ने धारा 144 पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में कहीं भी लगातार धारा 144 को लागू रखना सरकार द्वारा शक्ति का दुरुपयोग है. साथ ही कोर्ट ने पाबंदी से संबंधित सभी फैसलों को सार्वजनिक करने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की 10 बड़ी बातें
1-लोगों को असहमति जताने का पूरा अधिकार
2-सरकार अपने सभी आदेशों की 1 हफ्ते में समीक्षा करे
3-सरकार कश्मीर में अपने गैरजरूरी आदेश वापस ले
4-बैन से सभी जुड़े आदेशों को सरकार सार्वजनिक करे
5-आदेशों की बीच-बीच में समीक्षा की जानी चाहिए
6-बिना वजह इंटरनेट पर बैन नहीं लगाया जा सकता
7-इंटरनेट बैन पर सरकार को विचार करना चाहिए
8-इंटरनेट पर पूरा बैन सख्त कदम, जरूरी होने पर लगे
9-सभी जरूरी सेवाओं में इंटरनेट को बहाल किया जाए
10-चिकित्सा जैसी सभी जरूरी सेवाओं में कोई बाधा न आए

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