September 11, 2024

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योगी सरकार कर रही विचार, UP के बड़े शहरों में लागू होगा पुलिस कमिश्नरी

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उत्तर प्रदेश सरकार एक बड़ा प्रयोग प्रशासनिक व्यवस्था में करने जा रही है. योगी सरकार प्रदेश की राजधानी लखनऊ और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हुए नोएडा समेत प्रदेश के बड़े शहरों में इलाके में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम (police commissionery system) लागू करने की तैयारी में है. गुरुवार को जैसे ही नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण को सस्पेंड और लखनऊ के एसएसपी नैथानी के गाजियाबाद तबादले का आदेश आया, तभी से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि प्रयोग के तौर पर लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम की शुरुआत हो सकती है.

सूत्रों की मानें तो योगी सरकार इस पर जल्द फैसला ले सकती है. सूत्रों का दावा है कि लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज को पुलिस कमिश्नरी बनाने का प्रस्ताव तैयार है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कभी भी प्रदेश के इन बड़े शहरों को पुलिस कमिश्नरी बनाने का फैसला ले सकते हैं. अगर कमिश्नरी सिस्टम लागू होता है तो सीआरपीसी के तमाम अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास होंगे.

कमिश्नरी सिस्टम से आएगा ये बदलाव

अगर कमिश्नरी सिस्टम लागू होता है तो सीआरपीसी के तमाम अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास होंगे. ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत पीसीएस अफसरों के सामने आने वाली है. सामान्य तौर से पीसीएस अफसरों को प्रशासनिक अमले में रीढ़ की हड्डी कहा जाता है, लेकिन नोएडा और लखनऊ में अब एडीएम सिटी और एसीएम के सारे अधिकार पुलिस के पास होंगे. जबकि 12 से ज्यादा सीनियर पीसीएस अधिकारी अचानक दोनों जिलों में शून्य अवस्था में आ जाएंगे. पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद सभी एसीएम रिलीव कर दिए जाएंगे. वहीं दोनों जिलों के सिटी के पास अब कोई काम नहीं बचेगा.

पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद पुलिस कमिश्नर आईजी या एडीजी रैंक के अधिकारी होंगे, जो कानून- व्यवस्था के लिए सीधे जिम्मेदार होंगे. अलीगढ़ और बरेली भी पुलिस कमिश्नरी बनने की कतार में हैं.

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो यह मामला मुख्यमंत्री के स्तर पर है और इस पर किसी भी वक्त फैसला हो सकता है. बताया जाता है कि इस मुद्दे पर भी आईएएस और आईपीएस की लॉबी आमने- सामने हैं. आईएएस लॉबी नहीं चाहती कि पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू की जाए, बड़े जिले पुलिस कमिश्नरों के हवाले किए जाएं. जबकि आईपीएस लॉबी ये चाहती है कि पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया जाए. बहरहाल योगी आदित्यनाथ इस पर खुद आखिरी फैसला लेंगे.

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