नुस्ली वाडिया ने रतन टाटा के खिलाफ मानहानि का केस वापस लिया, 3000 करोड़ रुपए का दावा किया था ,जानें क्या है मामला?
1 min readबॉम्बे डाइंग के चेयनमैन नुसली वाडिया ने टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा और अन्य के खिलाफ दायर 3000 करोड़ रुपये के हर्जाने सहित मानहानि के सारे मामले सोमवार को वापस ले लिए. बता दें कि वाडिया ने साल 2016 में टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स (Tata Sons) और इसके 11 बोर्ड मेंबर्स व एक्सक्यूटिव्स के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था.
क्या है मामला?
एविएशन से एफएमसीजी सेक्टर में बड़ी कंपनियों के मालिक नुस्ली वाडिया ने टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के बोर्ड से हटाए जाने के बाद रतन टाटा के खिलाफ मानहामि का केस दर्ज कराया था. वाडिया टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के बोर्ड्स में स्वतंत्र निदेशक थे. 2016 में नुस्ली वाडिया ने रतन टाटा और अन्य के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कराया था. वाडिया ने इस मामले में 3,000 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा था.
CNBC TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, वाडिया ने कहा था कि टाटा सन्स और रतन टाटा के साथ कुछ लोगों ने उनकी अवमानना की है. उन्होंने झूठे आधार पर हमारे बारे में खबरें छापी हैं. हालांकि रतन टाटा और टाटा संस के निदेशकों ने कहा कि वाडिया को बदनाम करने का कोई इरादा नहीं था. जुलाई 2019 ने बॉम्बे हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना को रदद् कर दिया था. बॉम्बे हाइकोर्ट के फैसले को नुस्ली वाडिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. वाडिया ने साइरस मिस्त्री को ग्रुप चेयरमैन के पद से हटाए जाने का सार्वजनिक तौर पर विरोध भी किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत से मामला सुलझाने की सलाह दी थी
- टाटा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मानहानि की मंशा नहीं थी। हालांकि, टाटा के जवाब से वाडिया संतुष्ट नहीं थे लेकिन केस वापस लेने को राजी हो गए। कोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि आप दोनों समझदार हैं, उद्योग जगत के प्रमुख हैं। बातचीत से मामला सुलझा सकते हैं, मुकदमेबाजी की क्या जरूरत है?
- वाडिया ने रतन टाटा, टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और 8 निदेशकों के खिलाफ सबसे पहले मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस किया था। दिसंबर 2018 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रतन टाटा और अन्य लोगों को नोटिस जारी किए थे। इसके बाद रतन टाटा पक्ष ने मामले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने वाडिया का केस रद्द कर दिया था।
- वाडिया 2016 में टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स, टीसीएस, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील समेत अन्य कंपनियों के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर शामिल थे। दिसंबर 2016 से फरवरी 2017 के बीच हुई बैठकों में शेयरधारकों ने वाडिया के खिलाफ वोटिंग कर उन्हें बाहर कर दिया था।