बजट से पहले मोदी सरकार के लिए एक और बुरी खबर, बढ़ सकता है राजकोषीय घाटा
1 min readबैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार आगामी बजट में 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटे का 3.5 फीसदी का लक्ष्य तय कर सकती है. इसके साथ ही ये बजट मुख्य तौर पर आयकर कटौती, लघु और मझोले उपक्रमों और आवास के लिए ब्याज सहायता के जरिए उपभोग मांग बढ़ाने पर केंद्रित होगा. आम बजट पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. इससे पहले सरकार के लिए एक और बुरी रिपोर्ट आई है.
दरअसल, बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का राजकोषीय घाटा बढ़ने वाला है. सरकार 2020 के बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में 3.48 लाख करोड़ रुपये की कमी का सामना करने की संभावना है. वहीं प्रोविजनल डाटा और अनुमान कहते हैं कि आर्थिक विकास के लड़खड़ाने और निराशाजनक कर संग्रह के चलते सरकार पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व दबाव पड़ सकता है रिपोर्ट की मानें तो चालू वित्त वर्ष में यह घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.8 फीसदी पर पहुंच सकता है. यहां बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 जुलाई 2019 को आम बजट में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 फीसदी पर नियंत्रित रखने का अनुमान लगाया था. इस लिहाज से सरकार के अनुमान से 0.5 फीसदी तक का इजाफा होने की आशंका है.
टैक्स कलेक्शन 20 साल में सबसे कम!
हाल ही में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया है कि 20 सालों में पहली बार डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन लुढ़कने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक 23 जनवरी तक टैक्स डिपार्टमेंट ने सिर्फ 7.3 लाख करोड़ रुपये ही जुटाए हैं. पिछले वित्त वर्ष में सामान अवधि से अगर तुलना करें तो टैक्स कलेक्शन 5.5 फीसदी कम है. यहां बता दें कि सरकार के सालान रेवेन्यू में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का हिस्सा करीब 80 फीसदी होता है.